सतीश शर्मा की उदयपुर से रिपोर्ट:
राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 को रद कर दिया है। कोर्ट की ओर से यह फैसला भर्ती में पेपर लीक गड़बड़ी के चलते लिया गया है। इसके अलावा कोर्ट के कल के आदेश के मुताबिक 2021 की भर्ती में शामिल रहे उम्मीदवार जो ओवरएज हो चुके हैं वे भी 2025 एसआई पदों की भर्ती में आवेदन कर सकेंगे।राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर भर्ती 2021 के रद्द होने के खिलाफ आज उदयपुर में भी अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए। बड़ी संख्या में युवा SI अभ्यर्थी हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते नजर आए। उनका कहना था कि मेहनती और ईमानदार अभ्यर्थियों को कुछ लोगों की बेईमानी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जो की बहुत गलत है।
एजेंसियां पेपर लीक रोकने में नाकाम रही
प्रदर्शन कर रहे SI अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि सरकार और एजेंसियां पेपर लीक रोकने में नाकाम रही हैं। लेकिन इसकी सजा उन अभ्यर्थियों को दी जा रही है जिन्होंने पूरी मेहनत से परीक्षा दी थी। इस दौरान अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच कई बार तीखी बहस भी हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन नाराज़ छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे। कोर्ट ने यह निर्णय 14 अगस्त को सुनवाई पूरी होने के बाद सुरक्षित रखे गए फैसले में दिया था । इस भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में पिछले वर्ष 13 अगस्त को याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिनमें पूरी प्रक्रिया को रद करने की मांग की गई थी।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई की गयी
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर भर्ती परीक्षा को रद्द करना ही था तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई के बाद ही फैसला होना चाहिए था। अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने वैकल्पिक समाधान नहीं निकाला तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।बता दें कि हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने SI भर्ती 2021 को रद्द कर दिया था। यह भर्ती लंबे समय से विवादों में रही है। पेपर लीक और गड़बड़ी के आरोपों के चलते कई बार जांच बैठाई गई, लेकिन निष्पक्ष परीक्षा की मांग लगातार उठती रही। कोर्ट के फैसले के बाद राज्यभर में अभ्यर्थियों का गुस्सा सामने आ रहा है।
भर्ती प्रक्रिया रद्द करना सही समाधान नहीं
इधर, अभ्यर्थियों के परिजनों ने भी सरकार से गुहार लगाई है कि युवाओं की मेहनत को देखते हुए उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए। उनका कहना है कि लाखों परिवारों ने इन बच्चों की तैयारी के लिए सबकुछ दांव पर लगाया है। ऐसे में पूरी भर्ती प्रक्रिया रद्द करना सही समाधान नहीं है।

