Madhopur News Update:माधोपुर जिले में बाढ़ का दौर थमा, हालात सामान्य होने की संभावना

प्रशासन समय पर चेता होता तो ग्रामीणों के आशियाने नही उजड़े होते , जिले के जड़ावता गांव के लोगो की मुश्किलें अभी भी कम नही हुई है

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अभिनव अग्गरवाल की माधोपुर से रिपोर्ट, Madhopur News: सवाई माधोपुर जिले में विगत दो दिनों से बारिश का दौर  थमा हुआ नजर आ रहा है, जिससे धीरे धीरे बाढ़ ग्रस्त गाँवो में हालात सामान्य होने लगे है। वही लालसोट कोटा मेगा हाइवे पर भी यातायात सुचारू रूप से शुरू कर दी गयी है लेकिन जिले के जड़ावता गांव के लोगो की मुश्किलें अभी भी नहीं टली है। 

बाढ़ की चपेट में आये दर्जन गांव

विगत दिनों जिले में हुई भारी बारिश के चलते जहाँ जिले के करीब एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे और बाढ़ ग्रस्त गाँवो में हालात बेहद विकट हो गए थे ,वही जिले के जड़ावता गांव में पानी आने से गांव से सटे खेतों में गहरी गहरी खाइयां पड़ गई । लगातार पानी की आवक होने से गांव के खेत 50 से 80 फिट तक कि गहरी खाई में तब्दील हो गए और मिट्टी का कटाव होने एंव मिट्टी धसने से खेत के मेर पर बना एक मकान ,दो दुकान ओर एक मन्दिर पूरी तरह खाई में समा गए और जमीदोंज हो गए ,लगातार पानी की आवक होने से खाई बढ़ती गई और गांव के अन्य मकान भी खाई की जद में आने लगे ,ऐसे में  कुदरत के इस कदर में अपनी आंखों के सामने अपने मकानों को जमीदोंज होता देख ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बचाव कार्य शुरू किया और पानी के बहाव को दूसरी तरफ मोड़ने का प्रयास किया। लेकिन बावजूद इसके खेतों पर बनी खाइयां बढ़ती ही गई ,सूचना पर आपदा प्रबंधन मंत्री डॉक्टर किरोडी लाल मीणा मौके पर पहुंचे । मंत्री के आने पर प्रशासन भी हरकत में आया और आनन फानन में आलाधिकारी एनडीआरएफ व एसडीआरएफ टीम के साथ मौके पर पहुंचा , इस दौरान मंत्री किरोडी लाल मीणा ने खुद मौके पर मौजूद रहकर पानी को डायवर्ट कराने का प्रयास किया ,मंत्री डॉक्टर किरोडी लाल मीणा खुद एलएनटी मशीन पर चढ़ गए और पानी के बहाव को मोड़ने का प्रयास किया जो कुछ हद तक कारगार भी साबित हुवा । 

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मिट्टी धसने का सिलसिला अब भी जारी है

भले ही दो दिनों से बारिश का दौर थम गया हो  लेकिन जड़ावता गांव में अब भी हालत बेकाबू ही नजर आ रहे है । बारिश थमने से खेतों में बनी खाइयों में पानी की आवक तो कम हो गई ,लेकिन खाइयों में मिट्टी धसने का सिलसिला अब भी जारी है ,खाई में ग्रामीणों का एक मकान दो दुकान कर एक मन्दिर पहले ही समा चुका वही अब भी खाई के नजदीक बने करीब चार मकान गिरने की कगार पर है ,जिन्हें बचाने के लिए आज भी ग्रामीण पूरी ताकत के साथ लगे हुवे है । ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन समय पर चेता होता तो ग्रामीणों के आशियाने नही उजड़े होते और ना ही उनके  खेत खाइयों में तब्दील होते और ना उनके अमरूदों के बगीचे उजड़ते ,ग्रामीणों का आरोप है कि बार बार सूचना देने के बावजूद प्रशासन गांव में नही पहुँचा ,वो तो मंत्री किरोडी का भला हो जो वे मौके पर आ गए और खुद एलएनटी मशीन पर चढ़कर पानी के बहाव को मोड़ने का प्रयास किया ,जिससे कुछ हद तक राहत मिली है ,गांव वालों का कहना है कि अगर मंत्री समय पर नही पहुंचते तो अब तक गांव के दो चार मकान ओर खाई में समा गए होते ,ग्रामीणों ने मंत्री डॉक्टर किरोडी लाल मीणा के प्रयासों की सराहना करते हुवे उनका आभार व्यक्त किया है ,लेकिन ग्रामीणों ने प्रशासन से नाराजगी व्यक्त की है । ग्रामीणों का कहना है कि अभी भी खाई में मिट्टी धस रही है और गांव के दो चार मकान गिरने की कगार पर है ,अगर मिट्टी का धसना नही रुका तो कभी भी ये मकान जमीदोंज हो सकते है । मौके पर आज भी प्रशासन का कोई नुमाइंदा मौजूद नही है और ग्रामीण खुद ही अपने स्तर पर अपने मकानों को गिरने से बचाने के प्रयास में जुटे हुवे है ।

मकानों के गिरने का खतरा बना हुवा है

जिले में हुई भारी बारिश से सर्वाधिक नुकसान जड़ावता गांव के ग्रामीणों को उठाना पड़ा है ,गांव के खेतों में बनी खाइयां लगागर बढ़ रही है और अभी भी गांव के दो चार मकानों के गिरने का खतरा बना हुवा है ,लेकिन राहत और बचाव कार्य के नाम पर मौके पर प्रशासन का कोई नुमाइंदा मौजूद नही है और ना ही प्रशासन द्वारा मौके पर कोई कोई बचाव कार्य चलाया जा रहा है ,महज गांव के ग्रामीण ही अपने स्तर पर अपने मकानों को बचाने के लिये बचाव कार्य मे जूट हुवे है ,अगर समय रहते प्रशासन चेता होगा तो सम्भवतया जड़ावता में हुई इस त्रासदी को रोका जा सकता था।

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