Defence Minister Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी वार कॉलेज में लोगों को संबोधित करते हुए कहा हमें किसी की जमीन नहीं चाहिए लेकिन अपनी जमीन की रक्षा के लिए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। चुनौतियां बड़ी, लेकिन हमारा संकल्प उससे भी बड़ा। दुनिया हमें सिर्फ हमारी शक्ति के लिए ही नहीं बल्कि सत्य, शांति और न्याय के प्रति हमारे समर्पण के लिए भी सम्मान देती है।
शिक्षकों द्वारा भी की जाती है देश की रक्षा
देश की रक्षा केवल सीमा पर तैनात सैनिकों द्वारा ही नहीं की जाती, बल्कि नई तकनीक विकसित करने वाले वैज्ञानिकों, हथियार प्रणाली बनाने वाले उद्योगपतियों और अगली पीढ़ी को युद्ध के लिए तैयार करने वाले शिक्षकों द्वारा भी की जाती है। हमें अपनी एकता, अपनी स्पष्ट नीयत और पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस देश को आगे ले जाना है। इसी आत्मविश्वास के साथ हम 2047 की ओर पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेंगे।
भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
रक्षा मंत्री भारत की रक्षा नीति पर बोले कि भारत युद्ध को आमंत्रित नहीं करता, लेकिन चुनौती मिलने पर मजबूत जवाब देगा। रण और संवाद का महत्व बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध और संवाद एक-दूसरे से जुड़े महाभारत में भगवान कृष्ण के शांति प्रयास इसका उदाहरण। भविष्य के युद्ध के लिए भारत तैयार है प्रौद्योगिकी, बुद्धिमत्ता, अर्थव्यवस्था और कूटनीति की संयुक्त तैयारी। आधुनिक युद्ध के आयाम बदल चुके है साइबर युद्ध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), अनमैन्ड वाहन, सैटेलाइट निगरानी, और बाह्य अंतरिक्ष।
सैन्य क्षमता में वृद्धि
प्रौद्योगिकी में AI, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, स्वायत्त ड्रोन, और क्वांटम तकनीक से सैन्य क्षमता में वृद्धि हुई है। एंटी-सैटेलाइट और हाइपरसोनिक हथियार: भविष्य के युद्धों में महत्वपूर्ण; हाई-एनर्जी लेजर, नैनो टेक्नोलॉजी, और उन्नत सामग्री का उपयोग। इलेक्ट्रॉनिक और साइबर वारफेयर: टैंक, जेट, और सबमरीन में उन्नत सेंसर; नेटवर्क जाम करने और मिसाइल भटकाने की क्षमता। AI-संचालित ड्रोन: स्वचालित लक्ष्य खोज और हमला करने की क्षमता। तकनीकी उन्नति और सक्रिय रक्षा रणनीति पर जोर; दुश्मन द्वारा तकनीक के उपयोग से सतर्कता जरूरी।
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