Trad Husband: ट्रैड हस्बैंड उन पुरुषों को कहा जाता है, जो पारंपरिक भूमिकाएं निभाते हैं. जैसे – घर का काम करना, बच्चों की देखभाल और पत्नी को सपोर्ट करता है. वहीं पत्नी घर की देखभाल करती है. एक बार फइर ट्रैड हस्बैंड की वापसी इस आधूनिक युग में होती जा रही है. यह सोशल मीडिया से प्रभावित हो सकती है. यहां कुछ लोग इसे सशक्तिकरण मानते हैं, वहीं दूसरी तरफ विशेषाधिकार और सामाजिक दबाव का रिजल्ट समझते हैं.
‘ट्रैड हस्बैंड‘ क्या है?
ट्रैड हस्बैंड एक ऐसा पति होता है, जो घर की जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देता है. साथ ही पत्नी को करियर में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. यह ‘ट्रैडवाइफ‘ (पारंपरिक पत्नी) आंदोलन से जुड़ा हुआ है. जहां पर महिलाएं ज्यादा ध्यान घर पर ही देती हैं.
परंपरा की वापसी या नई उम्र की पसंद
- परंपरा की वापसी: यह पुरानी, रूढ़िवादी लैंगिक भूमिकाओं की तरफ वापसी का इशारा कर रहा है. जहां मर्द बाहर काम करते थे और महिला घर संभालती थी.
- नई उम्र की पसंद : यह चलन सोशल मीडिया के माध्यम से फैला है. जहां लोग “सऔशक्तिकरण” या “संतुष्टि” को चुनते हैं. तनाव कम करने के लिए बाहर कम परिवार के साथ समय बिताते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि यह सिर्फ पसंद नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार है. साथ ही यह पितृसत्तात्मक (patriarchal) सोच को बढ़ावा दे रहा है.
ट्रेड हसबैंड और पारंपरिक भारतीय पुरुष में अंतर
घरेलू काम में भागीदारी
ट्रैड हसबैंड: यह एक आधुनिक विचार वाले मर्द होते हैं. पुरुषों का काम खाना बनाना, सफाई करना, कपड़े धोना, बच्चों की देखभाल होता है. क्योंकि ज्यादातर उसकी पत्नी बाहर काम करती है या दोनों मिलकर घर चलाते हैं. यह समानता का प्रतीक माना जाता है.
पारंपरिक भारतीय पुरुष: यह घर के बाहर काम करके पैसे कमाने और मुखिया होते हैं. इनका काम घरेलू काम और बच्चों की देखभाल के साथ पत्नी की जिम्मेदारी होती थी.
निर्णय लेने की शक्ति
ट्रैड हसबैंड: इस रिश्ते में निर्णय पति-पत्नी दोनों मिलकर लेते हैं. जिससे समानता बनी रहती है.
पारंपरिक भारतीय पुरुष: इनसे परिवार का मुखिया फैसला लेता है. ज्यादा परिवार के मुखिया पुरुष ही होते थे.
घर में क्यों रहना पसंद करते हैं पुरुष
भारत में अब पुरुष घर पर रहने का ऑप्शन चुनते हैं. इसके पीछे कई कारण हैं. पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण है कि महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता है. अधिकतर महिलाएं इस समय अपने करियर में सफल हो गई हैं. जब महिलाएं अपने करियर में सफल हो रहा हैं. तो पुरुष घर पर ही रहकर परिवार की देखभाल करने का ऑप्शन चुनते हैं. इसके साथ ही पुरुषों की मानसिकता में भी काफी बदलाव आया है. वह अब परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना पसंद कर रहे हैं.
परिवार की प्रतिक्रियाएं
बदलते समय के साथ सभी की सोच में बदलाव आ रहा है. आज के समय में परिवार और ससुराल वाले गैर-आर्थिक पुरुष को स्वीकार करते हैं. महिला आर्थिक रूप से मजबूत हो, तो खासतौर पर लोग इस तरह के पुरुषों को अपना लेते हैं.