Artificial Blood: दुनियाभर में खून की कमी से लाखों लोगों की जान चली जाती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है। जापान ने बैंगनी रंग का आर्टिफिशियल खून बनाकर मेडिकल जगत में करिश्मा कर दिखाया है। जापान का बनाया हुआ यह Artificial Blood गेमचेंजर साबित होना वाला है।
जापान ने किया चमत्कार
इसे हीमोग्लोबिन वेसिकल्स के तौर पर भी जाना जाता है। ये शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। इस खून का रंग बैंगनी होती है। यह आर्टिफिशियल ब्लड असली खून की तरह ही काम करता है। यह शरीर के हर भाग तक ऑक्सीजन को प्रभावी ढंग से पहुंचाता है। जिससे शरीर के सभी अंग ठीक तरह से काम करते हैं।
अब बैंगनी रंग का खून बचाएगा जान
जापान की नारा मेडिकल यूनिवर्सिटी में इसे प्रोफेसर हिरोमी साकाई और उनकी टीम ने बनाया है। इसे बनाने के लिए पुराने या एक्सपायर हो चुके डोनेट किए गए खून से हीमोग्लोबिन निकाला जाता है। इसके बाद हीमोग्लोबिन को नैनो-आकार की लिपिड मेम्ब्रेन में लपेट दिया जाता है।
हर बल्ड को दिया जा सकता है ये खून
WHO के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में 11.2 करोड़ यूनिट ब्लड डोनेट होता है। लेकिन इसके बावजूद ब्लड की कमी पूरी नहीं हो पाती है। ये आर्टिफिशियल खून इस कमी को पूरा करेगा। इस खून को किसी भी ब्लड ग्रुप के लोग इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे Room Temperature पर भी स्टोर कर के रखा जा सकता है। जिससे जरूरत पड़ने पर काम में लाया जा सके।
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किसी को भी खून देने से पहले डोनर का खून लेकर ब्लड ग्रुप चेक किया जाता है। जिससे समय की काफी बर्बादी हो जाती है। आर्टिफिशियल खून ने इस झंझट को खत्म कर दिया गया है। ये खून हर्ट सर्जरी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसी कंडिशन में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आर्टिफिशियल ब्लड भी ब्लड ग्रुप वाले मरीज को बिना मैचिंग के ट्रांसफ्यूज़न किया जा सकता है। इससे लोगों की जान जल्दी और आसानी से बचाई जा सकती है।

