Screen Time Effects on Kids: आज के डिजिटल दौर में बच्चों का स्क्रीन से लगाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. पढ़ाई हो, ऑनलाइन क्लास, गेमिंग या मनोरंजन, हर चीज अब स्क्रीन पर सिमट गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत बच्चों के सिर्फ आंखों ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर पर बुरा असर डाल रही है?
आंखों से लेकर दिमाग तक बढ़ता खतरा
लंबे समय तक मोबाइल, टीवी या टैबलेट देखने से बच्चों की आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है. इससे ड्राई आई, धुंधलापन और डिजिटल आई स्ट्रेन जैसी समस्याएं आम हो चुकी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत बच्चों में मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) को भी तेजी से बढ़ा रही है.
मांसपेशियां और हड्डियों पर असर
जब बच्चे घंटों एक ही जगह बैठे रहते हैं, तो उनकी पीठ, गर्दन और कमर में दर्द शुरू हो जाता है. फिजिकल एक्टिविटी की कमी से हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं और मांसपेशियों का विकास भी धीमा हो जाता है.
दिल और वजन पर भी असर
लगातार बैठे रहने और कम एक्टिविटी के कारण बच्चों में मोटापा और हार्ट से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. डॉक्टरों के अनुसार, स्वस्थ दिल के लिए बच्चों का रोजाना कम से कम एक घंटे तक शारीरिक रूप से सक्रिय रहना जरूरी है.
नींद और मानसिक स्वास्थ्य पर असर
सोने से पहले स्क्रीन का उपयोग बच्चों की नींद को बिगाड़ देता है. इससे नींद की गुणवत्ता घटती है और बच्चे दिनभर थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान की कमी महसूस करते हैं. साथ ही, सोशल मीडिया और गेमिंग की लत मानसिक तनाव, आत्म-संदेह और बेचैनी को भी जन्म देती है.
कैसे करें स्क्रीन टाइम कम?
बच्चों को बचाने के लिए घर में फैमिली एक्टिविटी डे रखें, ताकि वे मोबाइल से दूर रह सकें. उन्हें आउटडोर गेम्स जैसे बैडमिंटन, क्रिकेट या साइक्लिंग के लिए प्रोत्साहित करें. गार्डनिंग एक बेहतरीन तरीका है जो उन्हें प्रकृति से जोड़े रखेगा और फिजिकल एक्टिविटी भी देगा.
अपनाएं ये ट्रिक
साथ ही, 20-20-20 रूल अपनाएं. हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें. इससे आंखों पर दबाव कम होता है. स्क्रीन पर काम करते समय ब्लू लाइट फिल्टर या नाइट मोड का इस्तेमाल भी बेहद जरूरी है.

