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इस देश में मौत के बाद जलाने के बजाय पेड़ में गाड़ते हैं लाश, बेहद अजीब है यहां की परंपरा

Tribes Funeral: इंडोनेशिया की तोराजा जनजाति में बच्चों की मृत्यु पर उन्हें पेड़ में रखा जाता है. ये परंपरा आत्मा की पवित्रता और प्रकृति के साथ जुड़ाव का प्रतीक है.

By: sanskritij jaipuria | Published: December 26, 2025 12:11:41 PM IST



Tribes Funeral: दुनिया भर में अलग-अलग समाज अपनी अपनी परंपराओं के लिए जाने जाते हैं. कुछ परंपराएं ऐसी होती हैं, जिन्हें सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं. इंडोनेशिया की तोराजा जनजाति की एक ऐसी ही परंपरा है, जिसमें बच्चों की मृत्यु के बाद उन्हें पेड़ में रखा जाता है.

हर देश और समाज में मृत्यु के बाद अलग-अलग रीति-रिवाज हैं. कहीं शव को जलाया जाता है तो कहीं दफनाया जाता है. लेकिन इंडोनेशिया के दक्षिण सुलावेसी क्षेत्र में तोराजा जनजाति की परंपराएं प्रकृति और आत्मा से जुड़ी हैं.

 बच्चों के लिए विशेष तरीका

तोराजा जनजाति में अगर किसी बच्चे की मृत्यु दांत निकलने से पहले हो जाए, तो उसे जमीन में दफनाया नहीं जाता. इसके बजाय, गांव वाले बड़े पेड़ के तने में एक छेद बनाकर बच्चे को वहां रखा जाता है.

स्थानीय लोगों का मानना है कि छोटे बच्चों की आत्मा बहुत पवित्र होती है. पेड़ में रख देने से वोआत्मा प्रकृति के साथ जुड़ जाती है और जीवन के चक्र में नए रूप में लौट आती है.

 परंपरा का महत्व

बाहरी लोगों को ये तरीका अजीब या डरावना लग सकता है. पेड़ों में बने गड्ढे रहस्यमय दिखाई देते हैं. लेकिन तोराजा समुदाय के लिए यह शोक नहीं है, बल्कि मृत बच्चे की आत्मा को सम्मान देने और उसकी शांति बनाए रखने का तरीका है.

 बड़ों की मृत्यु पर अलग रिवाज

तोराजा जनजाति में बड़ों की मृत्यु पर भी विशेष रस्म निभाई जाती है. पुराने शवों को बाहर निकाला जाता है, नए कपड़े पहनाए जाते हैं और गांव में घुमाया जाता है. इसका उद्देश्य जीवित और मृत के बीच संबंध बनाए रखना होता है.

आज ये परंपरा दुनियाभर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है. कई पर्यटक इसे देखने आते हैं. हालांकि, स्थानीय लोग ध्यान रखते हैं कि सभी इस रस्म को सम्मान और संवेदनशीलता के साथ देखें.

 

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