Luthra Brothers: गोवा पुलिस अरपोरा नाइटक्लब आग त्रासदी की जांच में गहराई से छानबीन कर रही है, और इसमें एक नया मोड़ आया है. अब एक और को-ओनर की पहचान हो गई है, जिससे जांच का दायरा बढ़ गया है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, अधिकारियों ने यह भी बताया है कि क्लब के मुख्य मालिक, लूथरा भाई, घटना के कुछ ही घंटों के भीतर देश से भागने में कैसे कामयाब रहे.
कैसे भागे लूथरा भाई
उन्होंने एक इंडिगो फ्लाइट पकड़ी जो पूरे भारत में ऑपरेशनल दिक्कतों के बावजूद तय समय से लगभग एक घंटा पहले रवाना हुई थी. भाइयों के इस तेज़ी से भागने की वजह से वे कई राज्यों में चल रही तलाशी अभियान के केंद्र में आ गए हैं, जिसमें गोवा पुलिस, दिल्ली पुलिस और CBI का इंटरपोल डिवीजन शामिल है.
5 घंटे में हुए फरार
अरपोरा क्लब में शनिवार रात को एक भरे हुए इवेंट के दौरान रात करीब 11:45 बजे आग लग गई. जब बिजली वाले पटाखों से लकड़ी की छत में आग लगी, तब 150 से ज़्यादा टूरिस्ट मौजूद थे, जिससे आग भड़क गई और 25 लोगों की मौत हो गई. गोवा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने 20 पीड़ितों का पोस्टमॉर्टम पूरा कर लिया है और शव परिवारों को सौंप दिए हैं. घटना के कुछ ही घंटों के अंदर, क्लब के को-ओनर, सौरभ और गौरव लूथरा, गोवा से दिल्ली भाग गए और 7 दिसंबर की सुबह तक, वे इंडिगो फ्लाइट 6E 1073 से फुकेट के लिए रवाना हो गए थे. यह ध्यान देना ज़रूरी है कि यह सब इंडिगो फ्लाइट्स की भारी कमी के बीच हुआ, जब एयरलाइन ने एक ही दिन में 1600 से ज़्यादा फ्लाइट्स कैंसिल कर दीं.
आखिर भागने के लिए क्यों चुना फुकेत?
गोवा के नाइटक्लब में आग लगने की घटना के कुछ घंटे बाद ही उसके मालिक और मुख्य आरोपी सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा फुकेत भाग गए थे. यह जानकारी पुलिस ने सोमवार को दी. ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि वो पकड़े ना जाएं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फुकेत थाईलैंड का सबसे बड़ा द्वीप और एक विश्व-प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. फुकेत अपने खूबसूरत सफेद रेत वाले समुद्र तटों (जैसे पटोंग, काटा), फ़िरोज़ा पानी, हरे-भरे पहाड़ों और जीवंत नाइटलाइफ़ के लिए जाना जाता है. फुकेत थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से करीब 862 किमी दक्षिण में स्थित है. फुकेत अपने समुद्री तटों के लिए प्रसिद्ध है, खासकर अपने पश्चिमी तट के लिए. यह थाईलैंड का सबसे बड़ा द्वीप है और 222 वर्ग मील (576 वर्ग किलोमीटर) में फैला है.
क्या थाईलैंड अपराधियों के लिए सुरक्षित जगह
जानकारी के मुताबिक लूथरा ब्रदर्स अगर थाईलैंड में ही छिपते हैं तो उनकी गिरफ्तारी में देरी हो सकती है, लेकिन गिरफ़्तारी ना हो ऐसा भी नहीं है. बताया जाता है कि भारत और थाईलैंड के बीच 2013 में हस्ताक्षरित और 2015 में लागू प्रत्यर्पण संधि के तहत प्रक्रिया सुचारू है. थाईलैंड पहले भी कई भारतीय अपराधियों को भारत प्रत्यर्पित कर चुका है. इसके लिए भारत सरकार थाईलैंड को अनुरोध भेजती है और थाईलैंड पुलिस आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर सकती है.
लेकिन अगर थाईलैंड से हो गए फरार तो
वैसे तो थाईलैंड में दोनों का पकड़ा जाना फिर भी आसान है और वहां से प्रत्यर्पण भी हो सकता है, लेकिन अगर वे थाईलैंड से किसी अफ्रीकी देश या ऐशे देश जाते हैं, जहां प्रत्यर्पण संधि लागू नहीं है, तो उनका पकड़ना मुश्किल होगा. थाईलैंड में दोनों आरोपियों के गिरफ्तार होने के बाद 45 से 60 दिनों के अंदर भारत को आरोपपत्र और सबूत के साथ पूर्ण अनुरोध भेजना होता है. लेकिन गोवा पुलिस भी इस मामले को लेकर एक्टिव हो गई है और हर एक प्रयास कर रही है.
सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा कौन हैं?
सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा भाई हैं. वे दिल्ली के रहने वाले हैं. सौरभ 40 साल के हैं और गौरव 44 साल के हैं. वे दोनों अपने पूरे बिज़नेस को बढ़ाने में शामिल थे, जिसमें वह क्लब भी शामिल था जहां शनिवार रात आग लगी थी. सौरभ के बारे में जानकारी उनके लिंक्डइन प्रोफ़ाइल से मिली है. प्रोफ़ाइल के अनुसार, वह रोमियो लेन, बर्च और मामास बुओ के चेयरमैन हैं. वह गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं.
जानिए पूरा मामला
शनिवार (6 दिसंबर) को गोवा के एक नाइटक्लब में आग लग गई, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई. जिस क्लब में आग लगी, उसका नाम बिर्च बाय रोमियो लेन है. गोवा पुलिस ने क्लब मैनेजर समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि शुरुआती जांच के मुताबिक, आग पटाखों की वजह से लगी थी. शुरुआती जांच में पता चला कि क्लब ने आग से सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया था. प्रधानमंत्री ने इस घटना पर दुख जताया और मृतकों के परिवारों के लिए ₹2 लाख और घायलों के लिए ₹50,000 के मुआवजे का ऐलान किया. क्लब के मालिकों, सौरभ और गौरव के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है.
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