Sukesh Chandrasekhar Case: दिल्ली की जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर एक बार फिर सुर्खियों में है. दो दिन पहले अभिनेत्री और कथिl गर्लफ्रेंड जैकलिन फर्नांडीस को पत्र लिखकर क्रिसमस की बधाई देने वाले सुकेश ने इस बार एक बड़ा दांव चला चला है.
सुकेश चंद्रशेखर ने पटियाला हाउस कोर्ट में स्पेशल जज प्रशांत शर्मा के सामने एक आवेदन दाखिल किया है. इसमें उसने कहा है कि वह 200 करोड़ रुपये के रंगदारी मामले में शिकायतकर्ता अदिति सिंह को 217 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार है.
यही नहीं आवेदन में उसने कहा है कि रकम देने की पेशकश वह अपने कानूनी अधिकारों को नुकसान पहुंचाए बिना कर रहा है और इसे अपने अपराध को स्वीकार करना नहीं माना जाए.
सुकेश चंद्रशेखर ने कैसे की थी ठगी?
बता दें कि सुकेश चंद्रशेखर ने तिहाड़ जेल में रहकर 200 करोड़ रुपये से ज्यादा ठगी और वसूली को अंजाम दिया था. सुकेश चंद्रशेखर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और कानून मंत्रालय का फेक अधिकारी बना. उसने स्पूफिंग के जरिये दूसरों को जाल में फंसाया. फिर पार्टी फंड में 200 करोड़ जमा करने की बात करके ठगी की.
कौन हैं अदिति सिंह?
इस मामले में रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह की पत्नी अदिति सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था. एफआईआर के मुताबिक अदिति ने बताया कि उनके पति शिविंदर मोहन सिंह 2019 अक्टूबर से जेल में बंद थे और 2020-21 में 200 करोड़ की जबरन वसूली और ठगी को अंजाम दिया गया था.
अदिति सिंह ने बताया था कि पहले एक महिला का कॉल आया था, जिसमें कहा गया था कि कानून मंत्रालय के सचिव अनूप कुमार आप से बात करेंगे. फिर अगला कॉल आया कि वो अनूप बोल रहे हैं. उनके अनुसार आपकी मदद करने के लिए आदेश आया है. कोरोना काल में सरकार चाहती है कि वो सरकार के साथ काम करें. आपके पति स्वास्थ्य क्षेत्र में रहे हैं.
अदिति ने आगे बताया था कि उसी ने दोबारा आई कॉल पर कहा- “मैं स्पीकर पर हूं और गृह मंत्री अमित शाह साथ हैं. इसके बाद अनूप का फिर कॉल आया और ट्रू कॉलर पर नंबर पीएमओ सलाहकार पीके मिश्रा दिखा रहा था.”
अनूप ने अदिति से कहा- “जूनियर अभिनव के संपर्क में रहो और अपने पति के मामले से जुड़े सभी दस्तावेज मंगाए ताकि जेल से रिहाई कराई जा सके. फिर अभिनव ने खुद को अनूप का अवर सचिव बताते हुए टेलीग्राम पर कांटैक्ट किया. उसने भरोसा दिया कि सरकार मदद करेगी, लेकिन इस बात का खुलासा न हो. खुफिया एजेंसियों की नजर है. सरकार के बड़े सीनियर खुद लैंडलाइन से बात करते हैं. देश के ऐसे कई दिग्गज बिजनेस घराने उसकी सुरक्षा में हैं.”
किस मामले में फंसे हैं शिविंदर मोहन सिंह?
बता दें कि शिविंदर मोहन सिंह फोर्टिस हेल्थकेयर और रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर हैं. उन्हें 740 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा मामले में गिरफ्तार किया गया था. 2008 में शिविंदर और उनके भाई मलविंदर सिंह ने जापान की दाइची सैंक्यो को रैनबैक्सी लैबोरेटरीज में अपनी बहुमत हिस्सेदारी लगभग 4.6 बिलियन डॉलर में बेची थी.
इसे लेकर बाद में दोनों धोखाधड़ी के आरोपों और कानूनी विवादों में फंसे, जिससे उन्हें फोर्टिस हेल्थकेयर और रेलिगेयर जैसे व्यवसायों से भी बाहर निकलना पड़ा था.
अब आगे क्या होगा?
फिलहाल सुकेश चंद्रशेखर का दांव आगे चलकर जमानत, सजा या ट्रायल की दिशा को प्रभावित कर सकता है. हालांकि, कोर्ट को यह तय करना है कि इस पेशकश को कानूनी राहत के रूप में देखा जाए या सिर्फ एक चाल माना जाए. यह आगे देखने वाली बात होगी.

