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किसी का घर छिन गया तो किसी के बह गए अपने, 261 सड़कें यातायात के लिए बंद, हिमाचल प्रदेश में कितनी तबाही ?

एसईओसी ने कहा कि भारी बारिश के कारण राज्य में कुल 261 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, जिनमें से 186 मंडी जिले में हैं। बाढ़ के कारण 599 ट्रांसफार्मर और 797 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।

Published by Divyanshi Singh

Himachal Pradesh Weather: हिमाचल प्रदेश में इस बार मौसम ने भारी तबाही मचाई। 20 जून से अब तक खराब मौसम के कारण 69 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 37 लोग अभी भी लापता हैं। उनकी तलाश में बचाव दल लगे हुए हैं। सरकार से लेकर विपक्ष तक के नेता प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। लोग नेताओं के सामने अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं और उनका दर्द बाहर आ रहा है। इस तबाही में किसी का घर छिन गया तो किसी के अपनों का साया बह गया। 

मंडी में बादल फटने से तबाही

लोगों का कहना है कि सरकार को इस तबाही को रोकने के लिए कोई ठोस इंतजाम करने चाहिए। हम कब तक अपने घरों को छोड़कर जाते रहेंगे। गुरुवार को मंडी में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की घटनाओं में दो और शव बरामद हुए। इस तरह मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है, जबकि 29 अन्य लापता लोगों की तलाश जारी है। मंगलवार को मंडी के विभिन्न इलाकों में बादल फटने की 10 घटनाएं हुईं। तीन बार अचानक बाढ़ आई और एक स्थान पर भूस्खलन हुआ। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार सुबह दो शव बरामद किए गए। गोहर से सात, थुनाग से पांच और मंडी जिले के करसोग उपमंडल से एक शव बरामद किया गया।

मारे गए 162 मवेशी

आपदा में 150 से अधिक घर, 104 पशुशालाएं, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने कहा कि आपदा में कुल 162 मवेशी मारे गए, जबकि मंडी में 316 लोगों सहित 370 लोगों को बचाया गया और पांच राहत शिविर स्थापित किए गए। बाढ़ के कारण मनाली-केलांग मार्ग अवरुद्ध हो गया है और यातायात मार्ग को रोहतांग दर्रे से डायवर्ट किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सड़कों को साफ करने के लिए लोगों और मशीनों को तैनात किया है।

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599 ट्रांसफार्मर और 797 जलापूर्ति योजनाएं बाधित

एसईओसी ने कहा कि भारी बारिश के कारण राज्य में कुल 261 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, जिनमें से 186 मंडी जिले में हैं। बाढ़ के कारण 599 ट्रांसफार्मर और 797 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने बुधवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। सुक्खू ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि यदि आसपास कोई सरकारी जमीन उपलब्ध है, तो उसे उन लोगों को आवंटित किया जाएगा, जिन्होंने अपने घर खो दिए हैं।

500 करोड़ रुपये का नुकसान

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने कहा कि 20 जून से अब तक राज्य भर में मानसून की घटनाओं में कुल 69 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 37 लोग अभी भी लापता हैं। कुल 110 लोग घायल हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है। आपदा में करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 14 लोगों की मौत बादल फटने, आठ की अचानक आई बाढ़ और सात की बहाव में फंसने से हुई।

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