अमित कुमार की रिपोर्ट, Uttar Pradesh: ख़बर यू पी के बलिया जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था को सुधारने की दिशा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) संजीव बर्मन ने एक अनोखी पहल शुरू की है। 1 अगस्त से जिला अस्पताल में मरीजों के लिए 24 घंटे जांच व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसमें पैथोलॉजी, एक्स-रे, सीटी स्कैन समेत अन्य आवश्यक जांचें अब अस्पताल में ही की जा रही हैं। अब तक मरीजों को इन जांचों के लिए बाहर निजी सेंटरों का सहारा लेना पड़ता था, जहां उन्हें भारी-भरकम शुल्क चुकाना पड़ता था। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए यह एक बड़ी समस्या बनी हुई थी। लेकिन CMO संजीव बर्मन के आदेश के बाद अब मरीजों और उनके परिजनों को आर्थिक बोझ से बड़ी राहत मिली है।
सीएमओ ने क्या बोले
सीएमओ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता है कि जिले के प्रत्येक मरीज को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। उन्होंने कहा –
“जिला अस्पताल बलिया में अब किसी भी मरीज को जांच कराने के लिए बाहर भटकने की जरूरत नहीं होगी। सभी आवश्यक जांचें 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी। हमारा प्रयास है कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सके और उनका समय और पैसा दोनों बचाया जा सके।”
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
गंगा नदी का जलस्तर घटने के बाद बाढ़ से प्रभावित इलाकों में फिलहाल लोगों ने राहत की सांस तो ली है, लेकिन इन क्षेत्रों में बीमारियों का खतरा अभी भी बना हुआ है। इसको ध्यान में रखते हुए सीएमओ ने विशेष मेडिकल टीमों का गठन किया है। ये टीमें लगातार प्रभावित गांवों का दौरा कर रही हैं और वहां स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं। सीएमओ बर्मन ने कहा कि बाढ़ के बाद डायरिया, त्वचा रोग और संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है कि लोगों को समय पर दवा और इलाज उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए दवाओं का अतिरिक्त स्टॉक भी उपलब्ध कराया गया है।
जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया
जिला अस्पताल में जांच व्यवस्था 24 घंटे उपलब्ध होने से मरीजों और परिजनों में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि अब उन्हें जांच कराने के लिए बाहर के महंगे सेंटरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। गरीब तबके के लिए यह एक बड़ी राहत है। सीएमओ संजीव बर्मन की इस पहल को जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उम्मीद जता रहे हैं कि आने वाले समय में इस व्यवस्था से मरीजों का भरोसा जिला अस्पताल पर और बढ़ेगा।
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