गोंडा से अनुराग सिंह की रिपोर्ट
UP News: कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा बाबा रामदेव पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद अपनी गलती मान ली है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि जो बयान दिया वह गलत था। मेरे मुंह से कुछ शब्द निकल गए। उसके बाद में मुझे महसूस हुआ कि ऐसा नहीं कहना चाहिए। पूर्व सांसद ने कहा कि मैने बचपन से एक वसूल बनाया है कि किसी शरीफ या किसी गरीब को अपमानित नहीं करूंगा। अगर भूल से ऐसा हो जाए तो उसे माफी मांगने में कोई शर्मिंदगी नहीं होनी चाहिए।मुझे नहीं लगा था कि यह इतना बड़ा विषय बनेगा।
बताते चलें कि 17 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम बलरामपुर में कहा था कि रामदेव काना है जिसके नाम बाबा रामदेव कम खा रहा है। महर्षि पतंजलि का इतिहास भी गोंडा से ही है।
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जाने कैसे शुरू हुआ पूर्व में सांसद व रामदेव बीच विवाद :
पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा मैंने लोकसभा चुनाव के दौरान एक बयान दिया था। इसके बाद आचार्य बालकृष्ण भट्ट ने मुझे फोन कर मूर्ख कहा था। हमने भी पलटवार कर जवाब दिया था। तभी से हमारा विवाद शुरू हुआ था। बलरामपुर कार्यक्रम में मै गोंडा, बलरामपुर और देवीपाटन मंडल का इतिहास बता रहा था। इसी दौरान महर्षि पतंजलि का उल्लेख आया मुझे याद आया कि जब रामदेव स्वदेशी यात्रा लेकर निकले थे। तब उन्होंने कहा था कि गोंडा में महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली का नाम लिया था और वादा किया था कि इसका विकास करेंगे। जनता से यह वादा उन्होंने पूरा नहीं किया। उसी क्रम में मुझे बाबा रामदेव की याद आ गई मेरे मुंह से कुछ शब्द निकल गए बाद में मुझे महसूस हुआ कि ऐसा नहीं कहना चाहिए था। मुझे ऐसे शब्द नहीं बोलने चाहिए थे। यह मेरे स्वभाव में है कि अगर कोई गलती हो जाती है तो उसे सुधार करता हु। असल में मुझे बाबा रामदेव को उनके वादों की याद दिलानी थी कि महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली और कर्मस्थली गोंडा है लेकिन आज भी वह अपेक्षित है। वहां बहुत कुछ काम हुआ है। जबकि उनके नाम पर अरबों खरबों रुपए का कारोबार रामदेव कर रहे हैं। मैं अपने घर के लिए कुछ नहीं मांग रहा हूं लेकिन जब आप महापुरुष के नाम पर कमाई कर रहे हैं तो उनके जन्मस्थान और कर्मस्थान को ध्यान रखना चाहिए। आपका कर्तव्य होना चाहिए जिन महापुरुषों का नाम बेचने से काम कर रहे उनके विकास भी कराए।
रामदेव महर्षि पतंजलि का नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं
2022 में बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि महर्षि बाबा रामदेव महर्षि पतंजलि का नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। वह उनके नाम पर अरबों खरबों का व्यापार कर रहे हैं। उनके नाम पर मसाले से लेकर अंडरवियर और बनियान तक बेच रहे लेकिन महर्षि पतंजलि के जन्म स्थान के विकास के लिए उन्होंने एक पैसा नहीं खर्च किया। जिन महर्षि पतंजलि का नाम पर व्यापार कर कमाई कर रहे है। उनकी जन्मस्थली उपेक्षा की शिकार है। जिसके बाबा रामदेव के बाल कृष्ण ने कानूनी नोटिस भेजा था जिसके बाद में पूर्व सांसद ने उसका जवाब दिया था। मामला शांत हो गया था।
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महर्षि पतंजलि जन्मस्थली व कर्मस्थली है गोंडा :
गोंडा जिले के कोडरगांव महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली मानी जाती है। महर्षि पतंजलि योग और आयुर्वेद के महान आचार्य थे। यह गांव गोंडा जिले के वजीरगंज क्षेत्र के एक प्राचीन झील के किनारे स्थित है। महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र,महाभाष्य और चरक संहिता का टीका लिखी थी। महर्षि पतंजलि ने यहीं से योग का प्रचार किया था। शास्त्रों के मुताबिक पतंजलि शेषनाग के अनुसार अंशावतार थे और आज वही विश्व में उन्हें योग गुरु के रूप में माना जाता है। बृजभूषण सिंह अपने संबोधन के दौरान यही कहना चाह रहे थे कि रामदेव महर्षि पतंजलि के नाम पर कम खा रहे हैं वे गोंडा के रहने वाले हैं। इस क्षेत्र का विकास करना चाहिए।

