Donald Trump on India Tariff: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार(6 अगस्त) को कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर 50% टैरिफ लगाने का निर्णय एक तरह का “आर्थिक ब्लैकमेल” है। उन्होंने कहा कि ट्रंप भारत पर एक गलत और अनुचित व्यापार समझौते के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
रायबरेली से सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ट्रंप का 50% टैरिफ आर्थिक ब्लैकमेल है। यह देश को एक अनुचित व्यापार समझौते के लिए धमकाने का प्रयत्न है। पीएम मोदी को अपनी कमज़ोरी को भारतीय लोगों के हितों से ऊपर नहीं रखना चाहिए।”
अमेरिकी टैरिफ और रूसी तेल पर नया विवाद
डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए हैं जो भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की लगातार खरीद पर 25 % अतिरिक्त शुल्क लगाएगा। यह शुल्क मौजूदा 25 फीसदी शुल्क के अतिरिक्त होगा और अगले तीन हफ्तों में लागू होगा।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप की धमकियों के बावजूद, प्रधानमंत्री मोदी कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहे हैं क्योंकि अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी जांच चल रही है।
अमेरिकी टैरिफ और रूसी तेल पर नया विवाद
अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए हैं जिसके तहत भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की लगातार खरीद पर 25 फीसदी एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया जाएगा। यह टैरिफ मौजूदा 25% शुल्क के अतिरिक्त होगा और अगले 21 दिनों के अंदर में लागू होगा।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा
कांग्रेस के वरिष्ठ राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर पीएम मोदी के चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि डोनाल्ड ट्रंप धमकियों के बावजूद, पीएम मोदी कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहे हैं क्योंकि अडानी समूह के विरुद्ध अमेरिकी जांच चल रही है।
राहुल गांधी ने लिखा, “भारत कृपया समझे, प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप की बार-बार की धमकियों के बावजूद उनके सामने खड़े नहीं हो पा रहे हैं, इसका कारण अडानी के खिलाफ चल रही अमेरिकी जांच है। मोदी के हाथ बंधे हुए हैं।”
भारत सरकार ने संप्रभु अधिकारों का बचाव किया
टैरिफ मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारत सरकार ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हित और बाज़ार की गतिशीलता के आधार पर तय करता है। सरकार ने स्पष्ट किया कि कोई भी बाहरी दबाव भारत की ऊर्जा ख़रीद को प्रभावित नहीं कर सकता।

