तेलंगाना के एक 29 वर्षीय व्यक्ति की अमेरिका में मौत हो गई है. अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में पुलिस की गोलीबारी में एक 29 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई. खबरों के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में अपने रूममेट के साथ हुए विवाद के बाद पुलिस ने उसे गोली मार दी थी.
इस तरह परिवार को मिली घटना की जानकारी
कैलिफ़ोर्निया में एक सॉफ्टवेयर पेशेवर मोहम्मद निज़ामुद्दीन की 3 सितंबर को सांता क्लारा पुलिस ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी. उसके पिता मोहम्मद हसनुद्दीन ने पीटीआई को बताया कि उन्हें अपने बेटे के एक दोस्त के ज़रिए इस मौत की जानकारी मिली. सटीक परिस्थितियां अभी स्पष्ट नहीं हैं. हसनुद्दीन के अनुसार रूममेट के साथ झड़प एक छोटी सी बात को लेकर हुई थी. उन्होंने कहा कि उन्हें गोलीबारी की सूचना गुरुवार सुबह ही मिली.
विदेश मंत्री से पिता ने किया अनुरोध
विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे एक पत्र में हसनुद्दीन ने अपने बेटे के शव को महबूबनगर वापस लाने में सहायता का अनुरोध किया. उन्होंने वाशिंगटन और सैन फ़्रांसिस्को में भारतीय अधिकारियों से तत्काल मदद की मांग करते हुए लिखा, “मुझे नहीं पता कि पुलिस ने उसे गोली क्यों मारी.”
मजलिस बचाओ तहरीक (एमबीटी) के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने परिवार की अपील मीडिया के साथ साझा की और सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
निज़ामुद्दीन के पिता के अनुसार, निज़ामुद्दीन 2016 में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए थे. फ्लोरिडा के एक कॉलेज से मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद, उन्होंने एक कंपनी में सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के रूप में काम करना शुरू किया. बाद में पदोन्नति मिलने पर वे कैलिफ़ोर्निया चले गए.
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अमेरिकी पुलिस ने क्या कहा?
मृतक के एक रिश्तेदार ने बताया कि एयर कंडीशनर (AC) को लेकर रूममेट से हुआ झगड़ा मारपीट में बदल गया और चाकूओं से हमला हुआ. एक पड़ोसी ने पुलिस को बुलाया. रिश्तेदार ने कहा, “जब पुलिस कमरे में दाखिल हुई, तो उन्होंने दोनों लड़कों से हाथ ऊपर करने को कहा. एक लड़के ने हाथ ऊपर कर दिए, दूसरे ने नहीं. इसके बाद पुलिस ने चार गोलियां चलाईं, जिसमें निज़ामुद्दीन की मौत हो गई. यह बेहद अफ़सोस की बात है कि, रिपोर्टों के अनुसार, बिना किसी उचित जाँच के इतनी जल्दी गोलीबारी की गई.”

