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Tej Pratap Yadav joins VVIP: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी नई सियासी राह तय करते हुए VVIP पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा कर दी है। इस नए गठबंधन की जानकारी खुद तेज प्रताप यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी, जो पटना के प्रसिद्ध मौर्य होटल में आयोजित की गई थी।
इस गठबंधन में हेलीकॉप्टर बाबा की भूमिका भी बेहद अहम मानी जा रही है। माना जा रहा है कि दोनों पार्टियां मिलकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारों को उतारेंगी। तेज प्रताप ने साफ तौर पर कहा है कि यह गठबंधन न सिर्फ चुनावी रणनीति का हिस्सा है, बल्कि बिहार में नई राजनीति की शुरुआत भी है।
तेज प्रताप यादव का नया राजनीतिक सफर
कुछ महीनों पहले तक तेज प्रताप यादव राजद के एक सक्रिय और चर्चित चेहरा थे, लेकिन **अनुष्का विवाद** के बाद उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी और यहां तक कि परिवार से भी बाहर कर दिया था। इसके बाद तेज प्रताप ने **’टीम तेज प्रताप’** नाम से एक नया संगठन खड़ा किया, जिसके जरिए वे अपनी राजनीतिक विचारधारा को आगे बढ़ा रहे थे।
अब VVIP पार्टी के साथ गठबंधन कर तेज प्रताप ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे बिहार की राजनीति में अपनी स्वतंत्र पहचान बनाना चाहते हैं। उनका यह कदम न सिर्फ राजद के लिए चिंता का कारण बन सकता है, बल्कि राज्य की अन्य प्रमुख पार्टियों को भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है।
हेलीकॉप्टर बाबा और VVIP पार्टी की भूमिका
तेज प्रताप यादव के साथ गठबंधन करने वाली VVIP पार्टी और उसके प्रमुख हेलीकॉप्टर बाबा का बिहार की राजनीति में एक अलग ही प्रभाव है। बाबा की छवि एक जननेता की रही है और उनके समर्थक ग्रामीण इलाकों में अच्छी पकड़ रखते हैं। तेज प्रताप के साथ उनका जुड़ाव इस गठबंधन को और मजबूत बना सकता है।
क्या बदलेगा बिहार का सियासी समीकरण?
बिहार में पहले से ही कई राजनीतिक गठजोड़ मौजूद हैं, लेकिन तेज प्रताप यादव और VVIP पार्टी का यह नया गठबंधन राज्य की सियासी तस्वीर को बदल सकता है। तेज प्रताप की लोकप्रियता, युवाओं के बीच उनकी पकड़ और हेलीकॉप्टर बाबा का जनाधार इस गठबंधन को एक मजबूत विकल्प बना सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव अब और भी दिलचस्प होता जा रहा है। तेज प्रताप यादव का यह कदम बताता है कि वे अपनी राजनीतिक पहचान बनाने को लेकर कितने गंभीर हैं। VVIP पार्टी के साथ उनका यह गठबंधन आने वाले दिनों में किस हद तक असरदार साबित होगा, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि बिहार की सियासत में अब नई हलचल शुरू हो चुकी है।