Smriti Irani on Rahul Gandhi: अमेठी की पूर्व सांसद और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने आजतक न्यूज़ चैनल से खास बातचीत में राहुल गांधी और अमेठी चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने 2024 में मेरे खिलाफ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अमेठी में किए गए कामों का भी ज़िक्र किया।
अब आक्रामक होने की ज़िम्मेदारी नहीं – स्मृति ने राहुल गांधी पर की बात
स्मृति ईरानी ने कहा कि अब राहुल गांधी पर आक्रामक होने की ज़िम्मेदारी नहीं है, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार ने अमेठी से मेरे खिलाफ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘वह मेरे सामने मैदान में भी नहीं उतरे, मैं उनके पीछे नहीं भाग सकती।’
अमेठी की राजनीतिक विरासत और इतिहास का ज़िक्र
पूर्व सांसद ने कहा कि हमने राजनीतिक इतिहास पढ़ा है, अमेठी से कई बड़े नाम चुनाव लड़े और हारे हैं। शरद यादव और मेनका गांधी जैसे नामी नेता भी वहाँ से हार चुके हैं। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने अमेठी जैसी सीट इसलिए चुनी क्योंकि वहाँ का सामाजिक समीकरण उनके पक्ष में था। ऐसे में कोई भी समझदार नेता ऐसी सीट नहीं चुनेगा जहाँ हार निश्चित हो। अगर किसी को ऐसी सीट दी जाती है, तो वह पार्टी की ज़िम्मेदारी के तहत उसे स्वीकार करता है।
2014 से 2019 तक किए गए कामों का ज़िक्र
स्मृति ईरानी ने कहा कि भले ही वह 2014 में अमेठी से चुनाव हार गईं, लेकिन उन्होंने 2014 से 2019 तक वहाँ खूब काम किया। इसलिए लोगों को लगा कि उन्हें मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर लोग कहते कि मैंने अमेठी के लिए काम नहीं किया, तो ज़्यादा दुख होता। लेकिन आज चर्चा है कि मैंने वहाँ खूब काम किया है। मैं अमेठी में रही, घर-घर, गाँव-गाँव, गली-गली गई, नाला साफ़ करवाया, गाँव में बिजली पहुँचाई, एक लाख घर बनवाए, मेडिकल कॉलेज बनवाया।’
अमेठी में हार पर उन्होंने ये कहा
जब उनसे सवाल किया गया कि अमेठी की जनता ने उन्हें क्यों नहीं इस बार विजयी बनाया, तो उन्होंने स्पस्ट कहा कि काम और राजनीतिक समीकरणों में फ़र्क़ होता है। यह बात सिर्फ़ वही समझते हैं जो राजनीति में हैं। उन्होंने कहा, “राजनीति का राष्ट्रीय राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, मैं राष्ट्रीय राजनीति से जुड़ी हूँ।”
‘मैंने राहुल गांधी को हराया है, तानों का सामना करने को तैयार हूँ’- स्मृति
स्मृति ईरानी ने कहा, ‘मैंने राहुल गांधी को हराया है, इसलिए मुझे कुछ तानों का भी सामना करना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि वह जीवन को सूक्ष्मता से नहीं जीती हैं। उनका मानना है कि अगर जीवन को केवल एक ही पहलू से देखा जाए, तो वह जीना नहीं है। पूर्व सांसद ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजनीति में इसलिए आईं क्योंकि उन्हें लगा कि समाज में कई चीजें हैं, जिन पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने की जरूरत है, चाहे वह राजनीति के माध्यम से हो या मीडिया के माध्यम से।

