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SIR के चक्कर में 25 BLO की हुई मौत, यूपी में 21 पर FIR, आखिर किस बात के दबाव में हैं कर्मचारी?

देशभर में 5.32 लाख बीएलओ पर काम का दबाव बढ़ा है. 22 दिनों में 25 मौतें हुईं. आयोग रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. राजनीति और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों से मामले में चर्चा जारी है.

Published by sanskritij jaipuria

देश के 12 राज्यों में 51 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के घर जाकर काम करने वाले 5.32 लाख से ज्यादा बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) पर काम का दबाव बढ़ता जा रहा है. हाल ही में सामने आई रिपोर्टों में कहा गया है कि बीएलओ की मौतों की संख्या बढ़ रही है. 22 दिनों में 7 राज्यों में 25 बीएलओ की मौत हो चुकी है. पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस ने अकेले अपने राज्य में 34 मौतों का दावा किया है.

निर्वाचन आयोग फिलहाल स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राज्यों और जिलों से रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. आयोग ने कहा है कि अब तक किसी भी मौत की वजह सीधे तौर पर काम का दबाव होने की पुष्टि नहीं हुई है.

यूपी में FIR की स्थिति

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 21 बीएलओ के खिलाफ एकसाथ FIR दर्ज की गई है. वहीं, बरेली में बीएलओ सर्वेश गंगवार (47) की गिरने के बाद अस्पताल में मौत हो गई. उनके भाई ने बताया कि एसआईआर (सर्वे इंडेक्स रजिस्टर) के काम का दबाव बहुत था और देर रात तक काम कराना पड़ता था.

बीएलओ की मौतें इसलिए भी चिंता का कारण बन रही हैं क्योंकि अगले साल देशभर में जनगणना होने वाली है. इसमें भी सबसे बड़ा बोझ शिक्षकों और बीएलओ पर ही आएगा.

सियासी प्रतिक्रियाएं

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और आयोग 3 करोड़ नाम हटाने की तैयारी में हैं. उन्होंने मृतक बीएलओ के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये देने की बात कही. वहीं, सपा 2-2 लाख रुपये देने का ऐलान कर रही है.

पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय पर हुए विरोध-प्रदर्शन को गंभीर सुरक्षा उल्लंघन माना और कोलकाता पुलिस आयुक्त से 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है.

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बीएलओ पर काम का दोहरा दबाव

बीएलओ पर काम का दबाव कई वजहों से बढ़ रहा है. उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में ऐप में कैप्चा भरने की समस्या बीएलओ के लिए मुश्किल बन गई थी, जिसे हटाकर काम आसान किया गया. कई फार्म अपलोड करने पर सर्वर ठप हो जाता है, इसलिए रात में फार्म अपलोड करने का तरीका अपनाया गया.

सुप्रीम कोर्ट का रुख

नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसआईआर को ये कहकर चुनौती नहीं दी जा सकती कि ये पहली बार हो रहा है. आयोग को फॉर्म 6 में दर्ज जानकारी की शुद्धता जांचने का संवैधानिक अधिकार है. कोर्ट ने ये भी कहा कि केवल आधार कार्ड होने पर किसी का वोट डालने का अधिकार स्वतः नहीं बनता. अगर किसी का नाम मतदाता सूची से हटाया जाता है, तो उसे पूर्व सूचना देना अनिवार्य है.

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

पश्चिम बंगाल के मंत्री अरुप बिस्वास ने कहा कि एसआईआर के दबाव में 34 लोगों ने जान दी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इसका उद्देश्य पीछे से एनआरसी लागू करना और डर पैदा करना है. भाजपा ने तृणमूल पर आरोप लगाया कि वे फर्जी और संदिग्ध नाम जोड़ रहे हैं.

राज्यों में डिजिटाइजेशन की स्थिति

राजस्थान सबसे आगे है, जहां 82.61% फॉर्म डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है. 6,000 से अधिक बूथों पर 100% काम पूरा हुआ और 2,500 बीएलओ को सम्मानित किया गया. मध्य प्रदेश में 78.50%, पश्चिम बंगाल में 78.42%, गुजरात में 73.37%, तमिलनाडु में 65.42% और छत्तीसगढ़ में 65.36% डिजिटाइजेशन हुआ है.

 

 

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