Categories: देश

Video: क्या आपको पता है असली बंदर कौन है? शशि थरूर ने अरावली विवाद के बीच साझा किया भावुक कर देने वाला वीडियो

अरावली पर्वतमाला को लेकर बढ़ते कानूनी विवाद के बीच शशि थरूर ने एक ऐसा AI वीडियो साझा किया है, जिसने सबको झकझोर दिया है. वीडियो में एक बंदर की कहानी देख थरूर ने पूछा- 'इस कहानी में असली बंदर कौन है?' जानिए क्या है अरावली की परिभाषा पर छिड़ी वह बहस, जो दिल्ली-NCR का भविष्य बदल सकती है.

Published by Shivani Singh

यदि जनसांख्यिकी (Demography) एक लाभांश है, तो भूगोल निश्चित रूप से उस लाभांश का भविष्य निर्धारित करता है. भारत के पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी परिदृश्य में अरावली पर्वत श्रृंखला से बेहतर इसका कोई उदाहरण नहीं मिलता. गुजरात से शुरू होकर राजस्थान और हरियाणा के रास्ते दिल्ली तक लगभग 690 किमी में फैली यह श्रृंखला उपमहाद्वीप की सबसे पुरानी वलित पर्वत प्रणाली (Fold Mountain System) है, जो सदियों से यहाँ की जल सुरक्षा, जलवायु और जनजीवन को चुपचाप आकार दे रही है.

आज यही पहाड़ियाँ एक गंभीर पर्यावरणीय और कानूनी बहस का केंद्र बन गई हैं. इस विवाद के मूल में एक सीधा सा सवाल है: “वास्तव में अरावली का हिस्सा क्या है?” इस सवाल का जवाब इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यही वर्गीकरण यह तय करता है कि किन क्षेत्रों को संरक्षित किया जाएगा और कहाँ खनन या निर्माण की अनुमति दी जा सकती है.

शशि थरूर ने साझा किया भावुक कर देने वाला वीडियो

इस बीच कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने एक बेहद ही भावुक कर देनी वाली AI वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट से साझा की है. जिसमे आप देख सकते हैं कि एक बन्दर सेव ट्री सेव लाइफ का बोर्ड लेकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश करता है. लेकिन लोग उसपर हँसते हैं, हालाँकि वो बन्दर हार नहीं  मानता है वो अकेले ही पेड़ लगाता है और उसकी सेवा करता है. जब वह बन्दर एक विस्तृत जंगल लगाने में कामयाब हो जाता है तो एक दिन कुछ सरकारी कर्मचारी आकर उस पुरे जंगल को उजाड़ देते हैं. जिसके बाद लोगों को देखा जा सकता है की किस तरह सड़कों पर ऑक्सीजन मास्क लगाकर चल रहे होते हैं.

इस वीडियो को साझा करते हुए शशि थरूर ने लिखा “जंगल की कटाई, पर्यावरण को नुकसान और वायु प्रदूषण पर एक दिल को छू लेने वाला AI वीडियो देखने के बाद दर्शक सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि इस कहानी में असली बंदर कौन हैं?” 

Related Post

इस पर कई लोगों ने अपना मत रखा है और बताया है कि इस वीडियो से साबित होता है कि हमलोग ही असली बन्दर हैं. 

हालिया घटनाक्रम और सुप्रीम कोर्ट का रुख

दरअसल विवाद की मुख्य वजह है कि नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के उस प्रस्ताव पर सहमति जताई, जिसमें अरावली की पहचान के लिए कुछ मापदंड तय किए गए हैं. केवल वे पहाड़ियाँ जो आसपास की ज़मीन से कम से कम 100 मीटर ऊपर उठती हैं, उन्हें ही नियामक उद्देश्यों (Regulatory purposes) के लिए अरावली रेंज का हिस्सा माना जाएगा। ऐसी पहाड़ियाँ जो एक-दूसरे के करीब स्थित हैं, उन्हें भी इस दायरे में रखा गया है।

अदालत ने केंद्र को पूरे क्षेत्र का सटीक मानचित्रण करने और प्रबंधन की एक स्पष्ट योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। इसका लक्ष्य अलग-अलग सरकारी रिकॉर्ड्स और नक्शों के बीच के विरोधाभास को खत्म करना है, जो अक्सर कानूनी विवादों का कारण बनते रहे हैं।

Shivani Singh

Recent Posts

ब्लैक गाउन, स्पॉटलाइट और आंसू…Toxic में कियारा आडवाणी का पावरफुल लुक आउट; देख फैंस के उड़ गए होश

Kiara Advani Toxic: फिल्म के मेल लीड यश ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कियारा के…

December 21, 2025

GhostPairing स्कैम अलर्ट: बिना OTP और सिम बदले WhatsApp अकाउंट हो रहा हैक, बस एक क्लिक में मिल रहा पूरा एक्सेस; जानें यूजर्स कैसे करें बचाव?

Whatsapp Web News: घोस्टपेयरिंग (GhostPairing) में हैकर्स को पासवर्ड, सिम कार्ड या ऑथेंटिकेशन कोड चुराए…

December 21, 2025

Rapid Metro Viral Video: रैपिड रेल में सीट पर ही प्रेमी जोड़ा करने लगा अश्लील काम, संबंध बनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

Rapid Metro Viral Video Ghaziabad: सोशल मीडिया पर मेरठ–गाजियाबाद रैपिड रेल का एक आपत्तिजनक वीडियो…

December 21, 2025

Winter Destinations India: ठंड में घूमने का प्लान? ये 10 हिल स्टेशन बना देंगे ट्रिप को खास

Winter Destinations India: ज़्यादातर राज्य में नवंबर-दिसंबर में ठंड का मौसम शुरू हो जाता है.…

December 21, 2025

पूर्व क्रिकेटर कृष्णमाचारी श्रीकांत की कहानी, जिनकी कप्तानी का रिकॉर्ड आपको कर देगा हैरान! पढ़ें- उनके बारे में रोचक बातें

Krishnamachari Srikkanth News: पूर्व भारतीय क्रिकेटर कृष्णमाचारी श्रीकांत का जन्म दिसंबर 1959 को मद्रास (चेन्नई)…

December 21, 2025