पुणे के ऐतिहासिक शनिवार वाड़ा में एक विवाद ने महाराष्ट्र के महायुति गठबंधन के भीतर हलचल मचा दी है. वायरल वीडियो और विरोध प्रदर्शन ने राजनीतिक और सांप्रदायिक सवाल खड़े कर दिए हैं. लेकिन पूरा मामला सिर्फ इतना ही नहीं है. इसके पीछे की राजनीति और अंदरूनी दरारें कहीं अधिक गंभीर हैं.
क्या है पूरा मामला?
पुणे शहर में छत्रपति शिवाजी महाराज के समय का एक किला है. इस ऐतिहासिक किले को शनिवार वाड़ा के नाम से जाना जाता है. कुछ दिन पहले, शनिवार वाड़ा की ऊपरी मंजिल का एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में कुछ मुस्लिम महिलाएं चटाई पर नमाज अदा कर रही थीं. उनके पास कुछ बच्चे खेल रहे थे और पर्यटक घूम रहे थे. वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. कुछ लोगों ने इसे ऐतिहासिक स्थल और सनातन धर्म का अपमान बताया.
गोमूत्र से शुद्धिकरण
इस बीच, भाजपा की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा” शनिवार वाडा में नमाज नहीं चलेगी. हिंदू समाज जाग चुका है. चलो शनिवार वाडा.” 19 अक्टूबर को, सांसद कुलकर्णी के नेतृत्व में हिंदू संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता अपने समर्थकों के साथ प्रार्थना स्थल पर पहुँचे, शिव पूजा की और वहाँ गोमूत्र छिड़का. सांसद ने “शनिवार वाड़ा हमारा है, यह पेशवाओं की शान है” जैसे नारे भी लगाए. शहर के पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के बाद, शनिवार वाड़ा स्थित उद्यान को बंद कर दिया गया.
आज तक की एक रिपोर्ट के अनुसार, कार्यकर्ताओं ने इसके बाद शनिवार वाड़ा के बाहर दरगाह पर विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की. हालाँकि, पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिससे हाथापाई हुई. कई कार्यकर्ता घायल हो गए, जिससे इलाके में तनाव फैल गया. इस मामले की जानकारी देते हुए पुलिस उपायुक्त कृष्णकेश रावले ने बताया कि शनिवार वाड़ा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संरक्षण में है और विभाग से चर्चा के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
राकांपा (सपा) ने भाजपा सांसद की आलोचना की
विपक्षी दलों ने इस विरोध प्रदर्शन की कड़ी निंदा की है. अजित पवार की राकांपा ने कुलकर्णी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. राकांपा नेता रूपाली थोम्बरे ने कहा, “कुलकर्णी हिंदू-मुस्लिम तनाव पैदा कर रहे हैं. शनिवार वाड़ा में कब्र दशकों से मौजूद है; नमाज़ पढ़ना कोई अपराध नहीं है. यह विवाद स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मतदाताओं के ध्रुवीकरण की साजिश है.” इस बीच, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने भी इसे सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा बताया है.

