‘India News’ के मंच से केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने देश की आर्थिक प्रगति और राजनीतिक भविष्य पर बेबाकी से अपनी बात रखी. विपक्ष द्वारा अर्थव्यवस्था और गिरते रुपये पर उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए अठावले ने आंकड़ों के साथ सरकार का पक्ष मजबूती से रखा.
अर्थव्यवस्था पर विपक्ष को जवाब
विपक्ष द्वारा अर्थव्यवस्था पर की जा रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए अठावले ने कहा, “लोकतंत्र में सरकार पर हमला करना सबका अधिकार है, लेकिन जब अच्छा काम हो तो उसकी सराहना भी होनी चाहिए.. जिस तरह महिला आरक्षण बिल पर सभी पार्टियों ने एकजुटता दिखाई, वैसी ही सोच देश के विकास के मुद्दों पर भी होनी चाहिए.”
10 से 3 तक का लक्ष्य
अठावले ने यूपीए सरकार और वर्तमान एनडीए सरकार के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा: यूपीए के समय भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें नंबर पर थी. पिछले 10 वर्षों में भारत ने लंबी छलांग लगाई और हम 5वें नंबर पर आए. हालिया आंकड़ों के अनुसार, जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. उन्होंने भरोसा जताया कि अगले एक साल के भीतर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बन जाएगा.
2047 तक नंबर-1 बनने का संकल्प
रामदास अठावले ने विकसित भारत के लक्ष्य पर जोर देते हुए कहा, “हमारा विजन है कि जब 2047 में देश आजादी का शताब्दी महोत्सव मनाएगा, तब भारत की इकोनॉमी दुनिया में नंबर एक पर होगी. हम अमेरिका की जगह ले सकते हैं, हमें इसका पूरा विश्वास है.”
“जब तक मैं मोदी जी के साथ हूं, तब तक सब नामुमकिन”
राजनीतिक समीकरणों पर चुटकी लेते हुए अठावले ने मजाकिया और आत्मविश्वास भरे लहजे में कहा कि जब तक वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मजबूती से खड़े हैं, तब तक विपक्ष के लिए राह आसान नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का मुख्य लक्ष्य समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाना है और इसी दिशा में ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ काम किया जा रहा है.
मुख्य बिंदु:
भारत की अर्थव्यवस्था जल्द ही दुनिया में तीसरे स्थान पर होगी.
विपक्ष को सकारात्मक कार्यों और बिलों का समर्थन करना चाहिए.
सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाना है.

