Ram Vilas Paswan: रामविलास पासवान नौ बार लोकसभा सांसद और छह बार राज्यसभा सांसद रहे। इस इसके साथ ही उन्होंने अपने राजनीतिक सफर में देश के छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। लेकिन वो दोबारा भाजपा में कैसे शामिल हुए, इसका खुलासा उनके बेटे चिराग पासवान ने एक इंटरव्यू में किया जो बेहद dदिलचस्प है।
चिराग ने JIST से बात करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान को भाजपा में शामिल होने के लिए मनाया। जब पापा से पहली बार भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए कहा गया तो उनकी बेहद तीखी प्रतिक्रिया थी। ‘जहर खा लूंगा, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा।’ चिराग ने बताया कि इसके बाद उन्होंने पापा से कुछ नहीं कहा, क्योंकि मुझमें हिम्मत नहीं थी।
भाजपा में शामिल होने से पहले राहुल से मिलने की कोशिश
लेकिन इसके बाद हालात खुद-ब-खुद ऐसे बनने लगे कि पापा भाजपा के साथ आ गए। इसके बाद चिराग ने एक और बात का जिक्र किया कि उस समय पापा करीब तीन महीने तक राहुल गांधी से मिलने की कोशिश करते रहे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। चिराग ने कहा कि उस समय सोनिया गांधी ने पापा को राहुल गांधी से मिलने के लिए कहा था, लेकिन यह मुलाकात नहीं हो सकी।
चिराग ने कहा कि हालांकि पापा इस बीच सोनिया गांधी से मिले थे, लेकिन राहुल गांधी से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। सोनिया गांधी कहती रहीं कि मुलाकात कराई जाएगी, लेकिन वह मुलाकात कभी नहीं हो सकी।
रामविलास पासवान का एनडीए छोड़कर वापस आना
आपको बता दें कि साल 2002 में गुजरात दंगे हुए थे। उस दौरान रामविलास पासवान एनडीए का हिस्सा थे और दंगों के चलते उन्होंने एनडीए छोड़ दिया था। लेकिन, उस समय नीतीश कुमार ने एनडीए नहीं छोड़ा था। लेकिन फिर समय का पहिया घूमा और रामविलास पासवान एनडीए में वापस आ गए।
साल 2014 में जब प्रधानमंत्री पद के चेहरे के तौर पर नरेंद्र मोदी का नाम सामने आया तो नीतीश कुमार ने एनडीए को अलविदा कह दिया। जबकि रामविलास पासवान वापस एनडीए में आ गए।

