Rajnath Singh: पहलगाम आतंकी हमले के बाद मई महीने में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान को उसके आतंकी इरादों की कड़ी सजा दी थी। ब्रह्मोस और किलर ड्रोन के हमलों से पड़ोसी देश दहल उठा था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नोएडा स्थित उस फैक्ट्री का दौरा किया जहां ये आधुनिक हथियार बनाए जाते हैं। यह दौरा सिर्फ एक फैक्ट्री का दौरा नहीं था, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति की एक झलक भी थी। जिस प्लांट का उन्होंने यहां निरीक्षण किया, उसकी भट्टियां 2800 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान झेल सकती हैं। यही वो जगह है जहां भारत के भविष्य के ब्रह्मास्त्र के अलावा, अत्याधुनिक हथियार, ड्रोन और मिसाइलें तैयार की जा रही हैं।
प्लांट में कैसे काम होता है?
राजनाथ सिंह ने खुद देखा कि कैसे इस प्लांट में इंजन टेस्टिंग सेंटर, मेटल एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, एडवांस्ड कम्पोजिट पॉलीमर सेंटर और प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल ड्रोन जैसी तकनीकों का एक साथ विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये सभी उपकरण न केवल अत्याधुनिक हैं, बल्कि विश्वस्तरीय मानकों पर भी खड़े उतरते हैं। यहां पेलोड ड्रॉप ड्रोन से लेकर स्वार्म ड्रोन तक, हर उस चीज पर काम हो रहा है जो भविष्य की लड़ाइयों की सूरत बदल सकती है।
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राजनाथ सिंह ने क्या कहा?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान कहा कि भारत का उद्देश्य हमेशा से सबको साथ लेकर चलना और साझा विकास को बढ़ावा देना रहा है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत को अपने हितों की रक्षा और वैश्विक स्तर पर योगदान देने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में और अधिक सक्रिय होना होगा। नोएडा स्थित यह केंद्र इसी दिशा में भारत की सशक्त भागीदारी का प्रतीक है। राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा कि जब दृढ़ संकल्प, साहस और विज्ञान एक साथ आते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है।
भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा रहा है
इसी सोच के साथ भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां विकसित की जा रही तकनीक न केवल सेना की ताकत बढ़ाएगी, बल्कि भारत को रक्षा निर्यातक राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में भी सहायक होगी। नोएडा स्थित यह केंद्र भारत की नई सोच का प्रतीक है, जहां पारंपरिक हथियार निर्माण से आगे बढ़कर अत्याधुनिक तकनीक और स्मार्ट युद्ध प्रणालियां विकसित की जा रही हैं। 2800°C तक गर्म करने के बाद निकलने वाली धातु और उससे बनने वाले हथियार भारत की सामरिक शक्ति को अगले स्तर पर ले जाने वाले हैं।

