Categories: देश

भारत के इस चप्पल की वजह से अपना खजाना भर रही है विदेश की कंपनी, देख भड़क गए मंत्री प्रियांक खड़गे, कीमत सुन बड़े-बड़े दिग्गजों के उड़े होश

खड़गे ने इटैलियन ब्रांड पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रादा 1.20 लाख रुपये प्रति जोड़ी की दर से असली कोल्हापुरी चप्पलें बेच रही है।

Published by Divyanshi Singh

Kolhapuri chappal controversy:इटैलियन लग्जरी ब्रांड प्रादा (Prada) ने जबसे कोल्हापुरी चप्पलों से मिलती-जुलती चप्पलों के इस्तेमाल किया तब से इस मुद्दें को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हर कोई बात कर रहा है। अब इसी मामले को लेकर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने इस बात पर जोर दिया है कि इन बेहद लोकप्रिय चप्पलों को बनाने वाले राज्य के कारीगरों के नाम, काम और विरासत को पहचाना जाना चाहिए, न कि उन्हें दरकिनार किया जाना चाहिए। 

प्रादा को लेकर कही ये बात

उन्होंने इटैलियन ब्रांड पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रादा 1.20 लाख रुपये प्रति जोड़ी की दर से असली कोल्हापुरी चप्पलें बेच रही है। खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि बहुत कम लोग जानते हैं कि इन प्रतिष्ठित चप्पलों को बनाने वाले बड़ी संख्या में कारीगर वास्तव में कर्नाटक के अथानी, निप्पनी, चिक्कोडी, रायबाग और बेलगावी, बागलकोट और धारवाड़ के अन्य हिस्सों में रहते हैं।

जीआई टैग को लेकर कही ये बात

खड़गे ने कहा, “वे पीढ़ियों से ये चप्पलें बनाते आ रहे हैं और इन्हें आस-पास के शहरों, खासकर कोल्हापुर में बेचते आ रहे हैं, धीरे-धीरे यह इन चप्पलों का बड़ा बाजार बन गया और समय के साथ यह एक ब्रांड भी बन गया।” खड़गे ने उस समय को याद किया जब वे समाज कल्याण मंत्री थे, उन्होंने देखा कि महाराष्ट्र कोल्हापुरियों पर एकमात्र जीआई टैग अधिकार के लिए दबाव बना रहा था। 

Related Post

उन्होंने कहा, “LIDKAR के माध्यम से, हमने इसका विरोध किया और यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी लड़ाई लड़ी कि कर्नाटक के कारीगर वंचित न रहें। मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हम अपने उद्देश्य में सफल रहे। आखिरकार, कर्नाटक और महाराष्ट्र के 4-4 जिलों को संयुक्त रूप से जीआई टैग दिया गया। यह संघर्ष कभी भी दो राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा के बारे में नहीं था, बल्कि हमारी साझा विरासत को संरक्षित करने और हमारे कारीगरों को वह कानूनी मान्यता दिलाने के बारे में था जिसके वे हकदार हैं।”

कारीगरों को लेकर कही ये बात

खड़गे कर्नाटक में कांग्रेस सरकार में मंत्री ने कहा कि प्रादा मामला एक अनुस्मारक है कि केवल जीआई टैग की मान्यता पर्याप्त नहीं है और उन्होंने सांस्कृतिक उद्यमिता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें इन कारीगरों के लिए कौशल, ब्रांडिंग, डिजाइन नवाचार और वैश्विक बाजारों तक पहुंच में निवेश करने की आवश्यकता है। वे न केवल इस सम्मान के हकदार हैं, बल्कि उन्हें बेहतर मूल्य, व्यापक प्रदर्शन और अपने शिल्प से एक स्थायी, सम्मानजनक आजीविका बनाने का मौका भी मिलना चाहिए।”

कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने मांग की कि जब भी अंतरराष्ट्रीय फैशन हाउस हमारे डिजाइन को अपनाएं, तो हमारे कारीगरों के नाम, काम और विरासत को भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए, न कि उन्हें दरकिनार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “जीआई टैग केवल उन्हें कानूनी अधिकार देता है। अब उन्हें वैश्विक मंच प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है।”

RBI के पास सोने की कितनी ईंटें, पूरी दुनिया के सामने खोल दी तिजोरी, देख पीएम शहबाज के छूटे पसीने

Divyanshi Singh
Published by Divyanshi Singh

Recent Posts

भारत ने जीता मैच, सीरीज को 3-1 से किया अपने नाम; कौन-कौन रहे हीरो?

INDIA VS SA T20I Series: भारत ने आखिरी मैच को 30 रनों से जीतकर सीरीज…

December 19, 2025