वीर बाल दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चुने गए 20 बच्चों को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित किया. इन विजेताओं में 14 वर्षीय बिहार के क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी भी शामिल हैं, जो पुरस्कार लेने के लिए फिलहाल दिल्ली में हैं जिसके कारण मणिपुर के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी मैच में नहीं खेल रहे हैं. इसी क्रम में फिरोजपुर के श्रवण सिंह को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सीमा पर सैनिकों को चाय और नाश्ता पहुँचाया था. इस वर्ष तमिलनाडु की व्योमा और बिहार के कमलेश कुमार को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया, जिसे उनकी ओर से उनके माता-पिता ने स्वीकार किया.
वीर बाल दिवस गुरु गोबिंद सिंह के चार बेटों (अजीत, जुझार, जोरावर और फतेह) की शहादत की याद में मनाया जाता है, जिन्हें साहिबजादे के नाम से भी जाना जाता है. 26 दिसंबर 1705 को मुगल सेना ने गुरु गोबिंद सिंह के इन चारों बेटों को मार डाला था. उनकी इसी शहादत को सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2022 में घोषणा की थी कि अब हर वर्ष 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन पुरस्कार विजेता बच्चों से मुलाकात की और उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि ‘Gen Z’ और ‘Gen Alpha’ ही देश को ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य तक ले जाएंगे. यह पूरा आयोजन उन वीर साहिबजादों के सम्मान में था जिनकी स्मृति में यह विशेष दिन मनाया जाता है.
बड़े सपने देखो, कड़ी मेहनत करो
PM मोदी ने कहा “यही मैं भारत के युवाओं से उम्मीद करता हूं, बड़े सपने देखें, कड़ी मेहनत करें, और अपने आत्मविश्वास को कभी कम न होने दें. भारत का भविष्य केवल उसके बच्चों और युवाओं के भविष्य से ही उज्ज्वल होगा. उनका साहस, उनकी प्रतिभा और उनका समर्पण राष्ट्र की प्रगति का मार्गदर्शन करेगा. इसी विश्वास, इसी जिम्मेदारी और इसी निरंतर गति के साथ, भारत अपने भविष्य की ओर बढ़ता रहेगा.
मोदी ने कहा, “मुझे Gen Z पर बहुत भरोसा है”
मोदी ने कहा, “यह है मेरा युवा भारत. संगठन से जुड़े इतने सारे युवा यहां इकट्ठा हुए हैं. एक तरह से आप सभी Gen Z हैं. कुछ Gen Alpha भी हैं. आपकी पीढ़ी भारत को विकसित भारत के लक्ष्य की ओर ले जाएगी. मैं Gen Z की काबिलियत और आत्मविश्वास को देखता और समझता हूं. इसीलिए मुझे आप पर बहुत भरोसा है.”
हमारी परंपरा में कहा गया है: “अगर कोई छोटा बच्चा भी कोई समझदारी की बात कहे, तो उसे मान लेना चाहिए; लेकिन अगर कोई ऐसी बात कही जाए जिसमें ज़हर मिला हो, तो उसे नकार देना चाहिए.” इसका मतलब है कि उम्र यह तय नहीं करती कि कौन छोटा है और कौन बड़ा। आप अपने कामों और उपलब्धियों से महान बनते हैं.