Mukhtar Abbas Naqvi: कोलकाता रेप केस में तृणमूल कांग्रेस नेताओं के विवादित बयानों पर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे पश्चिम बंगाल में ममता के शासन में ‘गुंडागर्दी’ करार दिया है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि कोलकाता रेप केस में कार्रवाई करने के बजाय सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी इन अपराधियों की सराहना करती दिख रही है।’
बीजेपी नेता नकवी ने कहा कि पूरे देश का गौरव रहा यह शहर अगर क्राइम कैपिटल बन जाए तो यह चिंता की बात जरूर है, हालाँकि इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि ममता दीदी के राज में सरेआम गुंडागर्दी चल रही है। ऐसा करने वालों को राजनीतिक और सरकारी संरक्षण प्राप्त है, जो और भी ज्यादा चिंता की बात है।
भारत ने सर्वधर्म समभाव को चुना
आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबोले द्वारा हाल ही में आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर दिए गए बयान पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह रचनात्मक और सकारात्मक बहस की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जब भारत आजाद हुआ तो दो देश बने, पाकिस्तान और हिंदुस्तान। पाकिस्तान ने इस्लामी झंडा फहराया, जबकि भारत ने सर्वधर्म समभाव का रास्ता चुना।
नकवी ने कहा कि सर्वधर्म समभाव को चुनने में कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं थी। यह हमारे देश के बहुसंख्यकों के संस्कार और संस्कृति, मूल्यों और सोच का परिणाम था। जब पड़ोसी देश इस्लामिक राष्ट्र बन रहा था, तब भारत के बहुसंख्यकों ने अपने देश को सर्वधर्म समभाव के रास्ते पर ले जाने का फैसला किया, इसलिए कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं थी। उस समय हमारे लोगों की संस्कृति और परंपराएं सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान की थीं। आपातकाल के दौरान संविधान के साथ जो धोखाधड़ी की गई, उसकी तह तक जाने की जरूरत है।
तेजस्वी यादव पर भी साधा निशाना
तेजस्वी यादव के “वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकने” के बयान पर भाजपा नेता ने कहा, ‘जिनके परिवार का खूंटा उखड़ गया है, वे कानून का खूंटा उखाड़ने का ठेका लेने निकल पड़े हैं। उन्हें अपने परिवार का खूंटा भी नहीं पता और वे कानून का खूंटा उखाड़ने की हास्यास्पद कोशिश में लगे हैं। निश्चित रूप से जब भी चुनाव आते हैं, ये लोग सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिए समाज के एक बड़े वर्ग के वोट का अपहरण करने की साजिश और षड्यंत्र में लग जाते हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें यह एहसास हो गया है कि इस बार जनादेश के घाट पर उनका जुगाड़ भी हार जाएगा। इसलिए एक बार फिर उन्होंने सांप्रदायिक ड्रामा करने की कोशिश की है, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश की है और भय और भ्रम फैलाकर समाज के एक बड़े वर्ग के वोट का अपहरण करने की साजिश रची है, लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगे।

