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Odisha: उफनती नदी में 24 घंटे फंसा व्यक्ति, हेलिकॉप्टर से बचाई गई जान

Odisha: उफनती नदी में 24 घंटे फंसा ब्यक्ति, हेलिकॉप्टर से चला बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, व्यक्ति सुरक्षित

Published by Swarnim Suprakash

ओडिशा से अक्षय महाराणा की रिपोर्ट 
Odisha: मलकानगिरी ज़िले में रविवार को एक बड़ा बचाव अभियान चलाया गया। यहाँ सबरी नदी के बीच फंसे एक ब्यक्ति को हेलिकॉप्टर की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया। यह घटना मलकानगिरी के कतामाटे गाँव की है, जहाँ बीते 24 घंटे से युवक पानी के तेज बहाव में फंसा हुआ था।

पूरी रात मदद का इन्तजार करता रहा व्यक्ति

जानकारी के मुताबिक, व्यक्ति का नाम इरमा सोडी है, जो कतामाटे गाँव का रहने वाला है। शनिवार को वह एक देशी नाव लेकर छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले के एक गाँव की ओर गया था। वापसी के दौरान अचानक नदी में पानी का बहाव तेज़ हो गया। नाव संतुलन खो बैठी और डूब गई। इरमा किसी तरह तैरकर एक पेड़ की डाल पकड़कर जान बचाने में सफल रहा। इसके बाद वह नदी के बीच एक बड़े पत्थर पर चढ़ गया और वहीं से पूरी रात मदद का इंतज़ार करता रहा।

ज़मीनी स्तर पर रेस्क्यू करना बेहद मुश्किल

रविवार सुबह जब स्थानीय लोगों को व्यक्ति के फंसे होने की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। मलकानगिरी और छत्तीसगढ़ के सुकमा से फायर सर्विस की टीमें मौके पर पहुँचीं और बचाव कार्य शुरू किया। लेकिन नदी के तेज बहाव और गहराई की वजह से ज़मीनी स्तर पर रेस्क्यू करना बेहद मुश्किल हो रहा था।

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हेलीकाप्टर माँगा कर करवाया एयर ऑपरेशन शुरू

स्थिति गंभीर होने पर प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से हेलिकॉप्टर बुलाया। इसके बाद एयर ऑपरेशन शुरू हुआ। काफी मशक्कत के बाद हेलिकॉप्टर से रस्सी फेंककर इरमा को सुरक्षित ऊपर खींच लिया गया

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इस रेस्क्यू अभियान में CRPF, छत्तीसगढ़ पुलिस और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीम शामिल रही। लगभग 24 घंटे की कठिनाई झेलने के बाद इरमा की जान बच पाई।

मलकानगिरी के मेडिकल में चल रहा है इलाज

रेस्क्यू के बाद ब्यक्ति को तुरंत अस्पताल पहुँचाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि लंबे समय तक भूखे-प्यासे और नदी के बीच फंसे रहने की वजह से वह काफी कमजोर हो गया है और शारीरिक रूप से थकान से है। वर्तमान में उसका इलाज मलकानगिरी के मेडिकल में चल रहा है।

स्थानीय प्रशासन की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई का उदहारण है यह रेस्क्यू ऑपरेशन

यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में हेलिकॉप्टर और सुरक्षाबलों की मदद से कितनी बड़ी ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती हैं। इरमा की हिम्मत और 24 घंटे तक संघर्ष करने की कहानी गाँववालों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

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Swarnim Suprakash
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