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Nepal से भारत भागकर आई खतरनाक महिला कैदी, क्राइम कुंडली जान पुलिसवालों के भी ‘थरथराने’ लगे हाथ-पैर!

Pakistani Woman: दक्षिण त्रिपुरा के सबरूम रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस ने एक 50 साल की पाकिस्तानी मूल की महिला को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर नेपाल की एक जेल से भाग गई थी.

By: Heena Khan | Published: October 13, 2025 8:21:49 AM IST



Nepal Gen Z Protest:  नेपाल में हो रहे Gen Z प्रोटेस्ट के दौरान हजारों कैदी जेल से फरार हो गए थे. कई कैदी ऐसे हैं जो देश से बाहर तक जा चुके थे. वहीं इस दौरान एक महिला कैदी भागते-भागते भारत आ गईं. वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दक्षिण त्रिपुरा के सबरूम रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस ने एक 50 साल की पाकिस्तानी मूल की महिला को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर नेपाल की एक जेल से भाग गई थी. पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है कि महिला नेपाल में मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल थी. ये महिला कंचनजंगा एक्सप्रेस से कोलकाता से रेलवे स्टेशन पहुंची जहां पर संदिग्ध व्यवहार के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

कौन है अख्तर बानो ? 

पूछताछ के दौरान शुरुआत में उसने खुद को दिल्ली के पुरानी बस्ती निवासी शाहिना परवीन बताया, लेकिन इस महिला का कोई भी वैध पहचान पत्र नहीं मिला. जिसके बाद पुलिस ने उसके सामान की तलाशी ली, तो कई पाकिस्तानी फ़ोन नंबर उसके पास मिले. इस दौरान जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि महिला ने कबूल किया कि वो तीन साल पहले बांग्लादेश पहुंची थी और फिर एक एजेंट की मदद से पश्चिम बंगाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई. आपको बता दें वो दिल्ली में घरेलू कामगार के रूप में काम करती है और अब बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान जाने की कोशिश कर रही थी. उसने अपनी असली पहचान लुईस निगहत अख्तर बानो बताई और बताया कि वो पाकिस्तान के शेखपुरा ज़िले के यंगानाबाद गांव के चक संख्या 371 निवासी मोहम्मद गोलाफ़ फ़राज़ की पत्नी है.

कर चुकी है बड़ा कांड

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बानो लगभग 12 साल पहले पाकिस्तानी पासपोर्ट पर नेपाल भाग गई थी और नशीली दवाओं से जुड़ी गतिविधियों में शामिल हो गई थी. वहीं 2014 में, उसे नेपाली अधिकारियों ने एक किलोग्राम ब्राउन शुगर रखने के आरोप में गिरफ्तार किया और 15 साल जेल की सजा सुनाई. उन्होंने ये भी बताया कि महिला पिछले महीने तक काठमांडू में कैद थी, इस दौरान वी वहां हुई हिंसा के बीच भाग निकली. दो हफ़्ते पहले, वह एक एजेंट द्वारा मुहैया कराए गए अवैध तरीकों से भारत में दाखिल हुई और त्रिपुरा या पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश लौटने की योजना बना रही थी. पश्चिम बंगाल में प्रवेश न कर पाने पर, बानो त्रिपुरा जाने वाली ट्रेन में सवार होकर सबरूम पहुँची, जहाँ से वह बांग्लादेश जाने वाली थी.

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