Nishant Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि मेरे पिता फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे, एनडीए की सरकार बनेगी और हम भारी बहुमत से जीतेंगे। मुझे राज्य की जनता पर पूरा भरोसा है कि वे उन्हें पिछले 20 सालों में किए गए उनके काम का फल ज़रूर देंगे और उन्हें फिर से भारी बहुमत से जिताएँगे। मुझे जनता पर पूरा भरोसा है।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। सभी पार्टियाँ प्रचार में जुटी हुई हैं। अभी तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। हालाँकि, माना जा रहा है कि चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं। बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है।
‘नीतीश कुमार ही बिहार के सीएम होंगे’
बिहार में सीएम चेहरे को लेकर कोई दुविधा नहीं है। चुनाव सीएम नीतीश की कप्तानी में ही लड़ा जाएगा। यह बात साफ़ है। निशांत को अपने पिता पर पूरा भरोसा है। यह पहली बार नहीं है जब निशांत ने ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि उनके पिता ही मुख्यमंत्री होंगे। निशांत ने यह भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें आश्वासन दिया है कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे।
नीतीश के बेटे निशांत ने आम लोगों से एनडीए को वोट देने का अनुरोध किया ताकि उनके पिता यानी नीतीश के नेतृत्व में सरकार बने। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमित शाह चाचा ने कहा है कि वह (नीतीश) ही मुख्यमंत्री होंगे।
इस तरह हो सकता है सीटों का बंटवारा
सीटों के बंटवारे की बात करें तो भाजपा लगभग 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि जदयू को लगभग 9095 सीटें मिलेंगी, बाकी सीटें एनडीए के घटक दलों के बीच बंट जाएँगी। भाजपा ने सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं की राय जानने के लिए एक सर्वेक्षण अभियान शुरू किया है। सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर सीटों का बंटवारा किया जाएगा। अगर एनडीए सत्ता में आती है, तो नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री होंगे।
चुनाव से पहले कई घोषणाएँ
बता दें, चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने कई घोषणाएँ की हैं। उन्होंने 2025-30 के बीच 1 करोड़ नौकरियों का टारगेट रखा है, जिसमें सरकारी और निजी क्षेत्रों में शिक्षा-प्रशिक्षण सुविधाएँ भी शामिल हैं। साथ ही, अगस्त 2025 से 125 यूनिट तक फ्री बिजली देने की योजना का ऐलान किया, जिससे लगभग 1.67 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा। इसे चुनाव से पहले एक बड़े दांव के तौर पर देखा जा रहा है।

