Home > देश > UP Primary School Merger: हाईकोर्ट ने सीतापुर में यूपी स्‍कूल मर्जर पर लगाई रोक, योगी सरकार की भी लगाई क्लास, कहा – आपके पास कोई प्‍लान नहीं…

UP Primary School Merger: हाईकोर्ट ने सीतापुर में यूपी स्‍कूल मर्जर पर लगाई रोक, योगी सरकार की भी लगाई क्लास, कहा – आपके पास कोई प्‍लान नहीं…

UP Primary School Merger: यूपी सरकार द्वारा राज्य भर के 5,000 से ज़्यादा प्राथमिक और जूनियर स्कूलों के मर्जर की योजना को लेकर शिक्षकों, अभिभावकों और संबंधित संगठनों में काफ़ी नाराज़गी है। उनका तर्क है कि यह फ़ैसला न सिर्फ़ बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन है, बल्कि उन्हें दूर-दराज़ के स्कूलों में जाने के लिए मजबूर भी करेगा।

By: Shubahm Srivastava | Published: July 24, 2025 4:46:04 PM IST



UP Primary School Merger: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी की योगी सरकार को बड़ा झटका दिया है। बेंच ने एक आदेश जारी कर सीतापुर जिले के बच्चों और उनके अभिभावकों को राहत देते हुए स्कूलों के विलय पर तत्काल रोक लगा दी है। साथ ही यूपी सरकार को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला विलय प्रक्रिया में खामियों को देखते हुए दिया है।

मुख्य न्यायाधीश अरुण भसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की डबल बेंच ने सीतापुर जिले के स्कूलों के विलय पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया है। मर्जर के संबंध में कोर्ट ने पाया कि जिन स्कूलों में 50 से अधिक छात्र नामांकित थे, उन्हें भी मर्जर की सूची में शामिल किया गया था, जो शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के मानकों के विरुद्ध है।

इस प्रक्रिया में खामियों को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने फिलहाल किसी भी तरह के बदलाव पर रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई अब 21 अगस्त को होगी, जिसमें सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।

कोर्ट ने यूपी सरकार की लगाई क्लास

स्कूल विलय मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने सरकार से पूछा कि जब बच्चे ही स्कूल जाने को तैयार नहीं हैं, तो विलय कैसे किया जा रहा है और शिक्षकों पर दबाव क्यों बनाया जा रहा है? अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि न तो आपके द्वारा कोई सर्वेक्षण किया गया और न ही आपके पास कोई योजना है, फिर ऐसा फैसला क्यों लिया गया?

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि यूपी सरकार द्वारा राज्य भर के 5,000 से ज़्यादा प्राथमिक और जूनियर स्कूलों के मर्जर की योजना को लेकर शिक्षकों, अभिभावकों और संबंधित संगठनों में काफ़ी नाराज़गी है। उनका तर्क है कि यह फ़ैसला न सिर्फ़ बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन है, बल्कि उन्हें दूर-दराज़ के स्कूलों में जाने के लिए मजबूर भी करेगा।

वहीं, राज्य सरकार का कहना है कि स्कूलों का विलय संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। लेकिन शिक्षक संगठनों का दावा है कि इससे लाखों बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ेगा, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहाँ स्कूलों के बीच की दूरी पहले से ही ज़्यादा है।

इस मर्जर को लेकर लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन

सोमवार को हज़ारों शिक्षक और कर्मचारी लखनऊ में इकट्ठा हुए और ‘स्कूल बचाओ, शिक्षा बचाओ’ के नारे के साथ विरोध प्रदर्शन किया। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार बिना किसी उचित योजना और ज़मीनी सर्वेक्षण के जल्दबाज़ी में फ़ैसला ले रही है।

Rahul Gandhi News: ‘उन्हें इस देश से कोई लेना-देना नहीं, नियम-कानून की कोई परवाह नहीं…’ BJP सांसद का Rahul Gandhi पर बड़ा हमला

Advertisement