Kathavachak Indresh Upadhyay Wedding: फेमस कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय इन दिनों अपनी शादी को लेकर लगातार चर्चा में बने हुए हैं. सोशल मीडिया पर उनकी शादी से जुड़े वीडियो, तस्वीरें और तैयारियों की झलकियां खूब देखी जा रही हैं. उनके चाहने वालों में उत्सुकता इस बात को लेकर भी है कि आखिर उनकी दुल्हन कौन हैं और उनकी प्रेम कहानी कैसी है.
इंद्रेश उपाध्याय 5 दिसंबर 2025 को यानी विवाह बंधन में बंधने जा रहे हैं. शादी का आयोजन जयपुर के ताज आमेर होटल में होने वाला है. ये एक शांत और पारंपरिक माहौल में होने वाला समारोह बताया जा रहा है, जिसमें देश के कई संत-महंत और खास मेहमान शामिल होंगे.
विवाह में शामिल होने वाले मेन मेहमान
शादी में कई संत, आध्यात्मिक गुरू और कुछ फेमस चेहरे उपस्थिति दर्ज कराएंगे. इनमें शामिल हैं-
तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर
पुंडरीक गोस्वामी
बॉलीवुड गायक बी प्राक
जयपुर के प्रमुख संत-महंत, जिनमें गोविंददेवजी मंदिर के महंत अंजन गोस्वामी भी शामिल हैं
इन सभी की मौजूदगी के बीच विवाह वैदिक रीति-रिवाजों से संपन्न होगा.
कौन हैं इंद्रेश उपाध्याय की होने वाली दुल्हन?
इंद्रेश की भावी पत्नी का नाम शिप्रा बताया गया है. वे मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं. उनके पिता पुलिस विभाग में पूर्व डीएसपी रहे हैं. वर्तमान में शिप्रा का परिवार अमृतसर (पंजाब) में रहता है. शादी की रस्में 5 दिसंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक संपन्न होंगी.
कैसे हुई दोनों की मुलाकात?
कथाओं में रुचि रखने वाले कई लोगों के अनुसार, इंद्रेश और शिप्रा की पहली मुलाकात एक आध्यात्मिक कार्यक्रम के दौरान हुई थी. समय के साथ दोनों में बातचीत बढ़ी और फिर ये रिश्ता दोस्ती से आगे बढ़कर शादी तक पहुंच गया. शादी की खबर सामने आते ही उनके अनुयायियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
हनीमून को लेकर क्या चर्चाएं हैं?
सोशल मीडिया पर ये भी चर्चा है कि शादी के बाद इंद्रेश उपाध्याय हनीमून के लिए कहां जाएंगे. हालांकि अभी इसकी कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. माना जा रहा है कि विवाह के बाद वे सबसे पहले अपनी पत्नी के साथ लाडली जी के दर्शन कर आशीर्वाद लेंगे और फिर अपने नए जीवन की शुरुआत करेंगे.
कौन हैं इंद्रेश उपाध्याय?
इंद्रेश उपाध्याय वृंदावन के एक फेमस युवा कथावाचक हैं. उनका जन्म 7 अगस्त 1997 को हुआ. वे जाने-माने कथावाचक श्री कृष्ण चंद्र शास्त्री महाराज के पुत्र हैं. उन्होंने ‘भक्तिपथ’ नामक एक पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य युवाओं को आध्यात्मिक मार्ग और भारतीय संस्कृति से जोड़ना है. भजनों और प्रवचनों के साथ-साथ वे खास तौर पर ‘राधा गोरी’ भजन के लिए काफी लोकप्रिय हुए, जिसने उन्हें बड़े स्तर पर पहचान दिलाई.

