जम्मू से अजय जंडयाल की रिपोर्ट
J&K floods: भारतीय सेना ने जम्मू–गुरदासपुर बेल्ट में भीषण बाढ़ से फंसे करीब 1,000 लोगों को सुरक्षित निकालकर बड़ा राहत अभियान चलाया है। इनमें बच्चों, छात्रों और अर्धसैनिक बलों के जवान भी शामिल थे। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
टाइगर डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GoC) मेजर जनरल मुकेश भानवाला ने बताया कि जम्मू, सांबा, कठुआ, पठानकोट और गुरदासपुर में भारी बारिश से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुँचाया।
सेना और वायुसेना की मदद से अब तक लगभग 1,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
उन्होंने कहा, “26 अगस्त से राइजिंग स्टार कॉर्प्स के जवान लगातार तेज़ बहाव और खराब मौसम से जूझते हुए कई बचाव अभियान चला रहे हैं। सेना और वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की मदद से अब तक लगभग 1,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। साथ ही जम्मू–श्रीनगर के बीच संचार व्यवस्था बहाल करने के लिए वैकल्पिक ऑप्टिकल फाइबर लाइन भी बिछाई गई है।”
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राहत कार्यों के साथ-साथ सेना ने प्रभावित परिवारों को मेडिकल सहायता, खाद्य सामग्री और अन्य ज़रूरी राहत सामग्री भी वितरित की
बाढ़ ने जम्मू की जीवनरेखा माने जाने वाले चौथे तवी पुल के पूर्वी हिस्से को बहा दिया था। इस चुनौती से निपटने के लिए टाइगर डिवीजन के इंजीनियरों ने सिर्फ 12 घंटे से भी कम समय में 110 फीट लंबा बेली ब्रिज तैयार कर दिया। सीमित जगह और बह चुके एप्रोच मार्ग के बावजूद तैयार किए गए इस पुल से अब फिर से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है।
सिविल प्रशासन और अन्य एजेंसियों का प्रयास भी सम्मिलित
मेजर जनरल भानवाला ने कहा, “सेना के प्रयास सिविल प्रशासन और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर किए गए हैं। हम उनके सहयोग के आभारी हैं। सेना के अतिरिक्त संसाधन किसी भी नई चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।”

