Jammu-Kashmir Rajya Sabha Election: राज्यसभा सीटों को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच मतभेद के बाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन संकट में है. गठबंधन टूटने से उमर अब्दुल्ला सरकार मुश्किल में पड़ सकती है, लेकिन सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है. कांग्रेस के छह और नेशनल कॉन्फ्रेंस के 41 विधायक हैं. वर्तमान में, विधानसभा की कुल संख्या 88 है, यानी बहुमत के लिए 45 का आंकड़ा पर्याप्त है. दो सीटें खाली हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के 41 सदस्य हैं और उसे 5 निर्दलीय/सहयोगी विधायकों और एक सीपीएम विधायक का समर्थन प्राप्त है. इसलिए अगर कांग्रेस गठबंधन से बाहर भी हो जाती है, तो भी सरकार को कोई खतरा नहीं है.
जानिये कांग्रेस की प्रतिक्रिया
2024 के विधानसभा चुनाव जीतने वाले सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच केंद्र शासित प्रदेश में राज्यसभा सीटों को लेकर परेशानी पैदा हो गई. नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा सुरक्षित सीट देने से इनकार करने के बाद कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव से किनारा कर लिया था. अब जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता गठबंधन तोड़ने पर विचार कर रहे हैं, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने आज मीडिया से बातचीत की और कहा कि फारूक अब्दुल्ला ने सोनिया गांधी को एक सुरक्षित सीट देने का वादा किया था. लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने कदम पीछे खींच लिए और एकतरफा अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी.
क्या चाहती है कांग्रेस ?
नेशनल कॉन्फ्रेंस पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए, कर्रा ने कहा, “सभी कांग्रेस नेता जम्मू-कश्मीर में गठबंधन से बाहर निकलना चाहते हैं… मैं कांग्रेस आलाकमान को फीडबैक भेजूंगा. गठबंधन से बाहर निकलने का भारी दबाव है. उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल राज्यसभा सीट को लेकर विश्वासघात नहीं है, बल्कि सरकार के कामकाज का भी मामला है. श्रीनगर में कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में शामिल सभी नेताओं ने जम्मू-कश्मीर सरकार के कामकाज पर अपनी निराशा व्यक्त की और कहा कि वो गठबंधन से बाहर निकलना चाहते हैं.
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