Captain Shubhanshu Shukla: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद भारतीय वायुसेना के अधिकारी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से सीधी बातचीत की। यह बातचीत न सिर्फ भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय है, बल्कि भारत की वैज्ञानिक क्षमता और वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में उसकी मजबूत भागीदारी का भी प्रतीक है।
पीएम ने शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉल के जरिए संवाद करते हुए उनके साहस और योगदान की जमकर सराहा। इसकी जानकारी पीएम मोदी ने सोशल साइट एक्स पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बातचीत के दौरान अंतरिक्ष पर गए शुभांशु ने कहा कि भारत अंतरिक्ष से काफी भव्य नजर आता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ अंतरिक्ष में गाजर का हलवा और आम का जूस ले जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरी यात्रा नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की भी यात्रा है, मुझे भारत का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व है।
अंतरिक्ष यात्री 25 जून को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर आई.एस.एस. के लिए रवाना हुए। यह मिशन एक्सिओम-4 का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने सफलता की कामना की थी
राकेश शर्मा के बाद, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी 41 साल से अधिक समय में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए, जो देश के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ।
एक्सिओम-4 के सफल प्रक्षेपण के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन पायलट शुक्ला और अन्य चालक दल के सदस्यों को बधाई दी और उनकी सफलता की कामना की।
पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि शुक्ला, जो आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनने वाले हैं, अपने साथ “1.4 अरब भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं” लेकर आए हैं।
एक्सिओम-4 मिशन नासा और इसरो के बीच एक सफल सहयोग है
एक्सिओम-4 मिशन के ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने गुरुवार को सफलतापूर्वक डॉकिंग पूरी कर ली, जिससे अंतरिक्ष स्टेशन पर इसके चालक दल का दो सप्ताह का प्रवास आधिकारिक रूप से शुरू हो गया। अपने प्रवास के दौरान, मिशन टीम सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण वातावरण में वैज्ञानिक प्रयोग, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और शिक्षा आउटरीच गतिविधियाँ आयोजित करेगी।
शुभांशु शुक्ला आईएसएस पर मिशन टीम द्वारा किए जाने वाले 60 प्रयोगों में से सात का नेतृत्व करेंगे। एक्सिओम-4 मिशन नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच एक सफल सहयोग का प्रतीक है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष स्टेशन पर पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने की प्रतिबद्धता को पूरा करता है।

