Anish Dayal Singh: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पूर्व महानिदेशक अनीश दयाल सिंह को मोदी सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। रविवार को उन्हें उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया गया है। मणिपुर कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी अनीश दयाल सिंह 35 साल से अधिक सेवा के बाद पिछले साल दिसंबर में सेवानिवृत्त हुए थे और अब राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों को संभालेंगे।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उप एनएसए का पद संभालने के बाद अनीश दयाल सिंह जम्मू-कश्मीर सहित देश के आंतरिक मामलों, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर उग्रवाद के प्रभारी होंगे।
IB, ITBP और CRPF का कर चुके हैं नेतृत्व
जानकारी के लिए बता दें कि सीआरपीएफ से पहले अनीश दयाल सिंह इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में 30 साल तक अपनी सेवाएं दे चुकें हैं। इसके अलावा वो भारत-तिब्बत सीमा पुलिस का भी नेतृत्व कर चुके हैं। इसके अलावा सीआरपीएफ में रहते हुए , उन्होंने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में अभियानों का विस्तार किया, नई बटालियनें बनाईं और 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ-साथ पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले विधानसभा चुनावों की सुरक्षा का पर्यवेक्षण किया।
130 बटालियनों का किया पुनर्गठन
अनीश दयाल सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान कार्यकुशलता में सुधार के लिए 130 बटालियनों का पुनर्गठन भी किया, कंपनी कमांडरों से फीडबैक के लिए ‘संवाद’ सत्र शुरू किए और पदोन्नति में ठहराव को दूर करने के लिए सीएपीएफ सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए मानद रैंक की वकालत की।
J&K, पूर्वोत्तर में उग्रवाद पर रखेंगे नजर
उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में, अनीश दयाल सिंह जम्मू-कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद सहित महत्वपूर्ण आंतरिक सुरक्षा क्षेत्रों की देखरेख करेंगे। उनकी नियुक्ति उस टीम में शामिल हो गई है जिसमें पहले से ही पूर्व रॉ प्रमुख राजिंदर खन्ना, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी टी.वी. रविचंद्रन और पूर्व राजनयिक पवन कपूर शामिल हैं।
खुफिया, संचालन और संगठनात्मक सुधार के क्षेत्र में अनुभव के साथ, अनीश दयाल सिंह से भारत की आंतरिक सुरक्षा रणनीति को आकार देने में केंद्रीय भूमिका निभाने की उम्मीद है।
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