India’s ‘most honest’ village: क्या आपने पहले कभी सुना है भारत के एक ऐसे गांव के बारे में जहां किसी ने आज तक चोरी नहीं की. क्यों चौंक गए न आप भी. जी हां, वाक्य में भारत में ऐक ऐसा गांव हैं जहां कभी भी आज तक चोरी की घटनाएं नहीं घटित हुई है. भारत के नागालैंड राज्य में एक छोटा-सा गांव, खोनोमा, अपनी अद्वितीय ईमानदारी और भरोसे की परंपरा के लिए पूरे देशभर में काफी मशहूर है. जहां आज के दौरा में धोखाधड़ी और चोरी एक आम बात है यग गांव अपने आप में ही बेहद अद्भुत है.
बिना दुकानदार और ताले की दुकानें:
खोनोमा गांव की सबसे बड़ी खासियत यहां की सिर्फ और सिर्फ दुकानें ही हैं. हैरानी के बात यह है कि इन दुकानों पर न कोई दुकानदार बैठता है और न ही ताला लगाया जाता है. ग्राहक अपनी ज़रूरत का सामान खुद से ही चुनते हैं, और जितनी राशि का सामान लेते हैं, उतनी ही ईमानदारी से वहीं काउंटर पर या डिब्बे में रखकर चले जाते हैं. यह परंपरा सालों से ऐसे ही लगातार चलती आ रही है. ग्रामीण मानते हैं कि दूसरों का हक छीनना या धोखा देना गलत होता है. उनकी यही मजबूत अच्छी सोच और संस्कार इस अनोखी परंपरा को सालों से कायम रखते हुए आई है.
खोनोमा गांव की अन्य विशेषताएं:
खोनोमा गांव केवल ने ईमानदारी के लिए, बल्कि अपनी खूबसूरती और स्वच्छ वातावरण के लिए भी देशभर में जाना जाता है. यह गांव नागालैंड की राजधानी कोहिमा से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां तक पहुंचने के लिए सबसे पहले नागालैंड के प्रमुख प्रवेश द्वार दिमापुर हवाई अड्डे या रेलवे स्टेशन तक पहुंचना पड़ता है. दिमापुर से कोहिमा तक पहुंचने में टैक्सी या बस से करीब 3 घंटे तक का समय लग जाता है. कोहिमा से आप स्थानीय टैक्सी या फिर जीप लेकर भी आसानी से खोनोमा गांव तक पहुंच सकते हैं.
खोनोमा गांव एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे मजबूत मूल्य और भरोसा समाज में शांति और सुरक्षा को आज भी कायम रखा जा सकता है.

