Delhi Riots and Supreme Court Hearing: दिल्ली में हुए दंगों को आखिर कौन नहीं जानता होगा. दिल्ली देंगों के आरोपी शरजील इमाम समेत छह अन्य आरोपियों की ज़मानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध करते हुए बेहद ही चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसने हर किसी को पूरी तरह से हैरान कर दिया है.
आखिर क्या है पूरा मामला?
ल्ली देंगों के आरोपी शरजील इमाम समेत छह अन्य आरोपियों की ज़मानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध करते हुए कई चौंकान वाले खुलासे किए हैं. इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में कई सनसनीखेज दलीलों को पेश भी किया है. दिल्ली पुलिस की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता (ASG) एसवी राजू ने जानकारी देते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन की टाइमिंग को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के साथ जोड़ा जाना संयोग नहीं, बल्कि बेहद ही सोची-समझी साजिश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है.
क्या है दिल्ली पुलिस की मुख्य दलीलें?
1. साजिश रचने की अहम टाइमिंग
एएसजी राजू ने कोर्ट को वीडियो क्लिप दिखाते हुए बताया कि यह सब तभी प्लान किया गया था, जब नागरिकता संशोधन बिल (CAA) पास होने वाला था.
2. मुसलमानों का समर्थन बना हिस्सा
इसके अलावा आरोपियों ने इसे मुसलमानों का समर्थन हासिल करने और एक बड़ा अवसर के रूप में देखते हुए दिल्ली दंगों की खौफनाक साजिश रची थी.
3. दिल्ली को आपूर्ति से करना था वंचित
इतना ही आरोपियों ने दिल्ली दंगों को इसलिए भी अंजाम दिया, क्योंकि उनका मुख्य उद्द्श्य था राजधानी दिल्ली को जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति से वंचित भी कराना था. जिसका सीधा-सीधा लक्ष्य दिल्ली और पूर्वोत्तर के असम का आर्थिक रूप से “गला घोंटना” था.
4. दंगे में चिकन नेक का क्यों किया गया है उल्लेख?
तो वहीं, दूसरी तरफ एएसजी ने कोर्ट को जानकारी देते हुए आगे कहा कि शरजील इमाम “चिकन नेक” (16 किलोमीटर लंबा भूमि का हिस्सा जो असम को भारत से जोड़ता है) का उल्लेख करते हैं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी असम को भारत से अलग चाहते थे.
5. मुसलमानों को की गई भड़काने की कोशिश
एएसजी ने आगे कहा कि आरोपी कश्मीर और तीन तलाक के बारे में बात करके मुसलमानों को भड़काने की पूरी तरह से कोशिश करना चा रहे थे. साथ ही उन्होंने बताया कि वे “कोर्ट को नानी याद करा देंगे” और बाबरी मस्जिद का मुद्दा भी एक बार फिर से उठाया गया था.
एएसजी ने मुख्य आरोपी के बयान का हवाला दिया, जिसमें उसने विरोध नहीं, बल्कि हिंसक विरोध करने की बात कही थी, जिसका लक्ष्य असम को भारत से अलग करना था.

