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Mamata Banerjee: ऐसा क्या हुआ कि ममता बनर्जी में सिर पर उठा लिया आसमान, मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, भयानक गुस्से में ये अपील कर डाली’ दीदी’

ममता बनर्जी ने सरकारी अधिकारियों को निलंबित करने की सिफ़ारिश पर फिर सवाल उठाए। उन्होंने उस क़ानून का ज़िक्र किया जिसके तहत चुनाव शुरू होने से पहले यह फ़ैसला लिया गया था।

Published by Ashish Rai

 Mamata Banerjee: तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और बंगाल की सीएम  ममता बनर्जी ने गुरुवार (7 अगस्त) को चुनाव आयोग और केंद्र की मोदी  सरकार पर जमकर निशाना साधा। बीरभूम में आदिवासी दिवस कार्यक्रम के मौके पर ममता बनर्जी ने कहा कि एनआरसी दरअसल एसआईआर के ज़रिए हो रहा है। उन्होंने कहा, “बिना जानकारी के कोई भी फॉर्म नहीं भरेगा। उनकी कोई और योजना है। मुझे नहीं मालूम कि मुझे यह कहना चाहिए या नहीं, हालाँकि नाम फिर से हटाने की साजिश है।”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान कहा गया था कि 2004 के बाद पैदा हुए लोगों को अपने माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र दिखाना होगा, हालाँकि क्या यह संभव है कि सभी के पास यह प्रमाण पत्र हो?

ममता ने अधिकारियों के निलंबन पर उठाए सवाल

ममता बनर्जी ने कहा कि जब वह सत्ता में आईं थीं, तब केवल 60 प्रतिशत लोगों के पास ही जन्म प्रमाण पत्र थे। इसलिए, मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि क्या 2004 के बाद पैदा हुए लोगों के पास अपने माता-पिता का प्रमाण पत्र होना संभव है। उन्होंने कहा, “हम भी घर-घर जाकर सामान पहुँचाते हैं, हमारे पास सिर्फ़ स्कूल के सर्टिफिकेट हैं। क्या उनके पास सर्टिफिकेट हैं? क्या वकीलों के पास हैं? वे तो चाँदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं, मेहनत करने वालों को कैसे समझेंगे।”

ममता बनर्जी ने सरकारी अधिकारियों को निलंबित करने की सिफ़ारिश पर फिर सवाल उठाए। उन्होंने उस क़ानून का ज़िक्र किया जिसके तहत चुनाव शुरू होने से पहले यह फ़ैसला लिया गया था।

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बंगाली भाषा का अपमान हो रहा है… ममता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर बंगाली भाषा का ज़िक्र किया। ममता बनर्जी ने कहा, “क्या बंगाली नाम की कोई चीज़ है? तो फिर रवींद्रनाथ टैगोर कौन सी भाषा में बात करते थे?” इतना ही नहीं, सीएम ने बताया कि एक जमाने में 10 रूपये के नोट पर भी बंगाली लिखा हुआ होता था।

इस दौरान ममता बनर्जी ने फ़ोन से एक तस्वीर निकाली और मीडिया को दिखाई। उन्होंने 10 रुपये के नोट की तस्वीर दिखाई। बंगाल की सीएम ने यह भी दावा किया कि यह 1912 का नोट है। सीएम ने कहा, ” वर्ष 1912 में 10 रुपए का नोट बंगाली में लिखा होता था। आज आप अचानक कह रहे हैं कि बंगाली नाम की कोई लैंग्वेज नहीं है। यह एक पारंपरिक भाषा है।”

तृणमूल पहले भी विदेशी राज्यों में बंगाली भाषियों पर हो रहे अत्याचार और बंगाली भाषा के अपमान की बात कह चुकी है। मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी लगातार भाजपा पर निशाना साध रही हैं। उन्होंने बुधवार को इसी मुद्दे पर झारग्राम में तीन किलोमीटर लंबा पैदल मार्च भी निकाला।

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