Dabur Chyawanprash High Sugar : आजकल मिलावट हमारे खाने-पीने की चीजों में आम बात हो गई है. कभी दूध में मिलावट की खबरें आती हैं, तो कभी पनीर में. अब एक और चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है च्यवनप्राश में मिलावट की. च्यवनप्राश को हम इम्युनिटी बढ़ाने वाले आयुर्वेदिक टॉनिक के रूप में जानते हैं, जिसे बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी खाते हैं. लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या जो च्यवनप्राश हम खा रहे हैं, वो वाकई शुद्ध और असरदार है?
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने खोले राज
हाल ही में यूट्यूब पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति देश के कुछ नामी च्यवनप्राश ( Dabur Chyawanprash) ब्रांड्स के बारे में अहम खुलासे कर रहा है. वीडियो में डाबर, पतंजलि और झंडू जैसे लोकप्रिय ब्रांड्स का जिक्र किया गया है.
वीडियो में शख्स ने बताया है कि च्यवनप्राश में शक्कर (refined sugar) होती है जो सेहत के लिए अच्छी नहीं,असली च्यवनप्राश वही होता है जिसमें मिठास के लिए गुड़, देशी खांड या मिश्री का इस्तेमाल किया जाए न कि सस्ती और नुकसानदायक सफेद शक्कर का.
शुद्ध देसी घी की कमी
च्यवनप्राश बनाने में एक और जरूरी चीज होती है – देसी गाय का घी. असल में, आंवला (जो च्यवनप्राश का मुख्य घटक होता है) को इसी घी में फ्राई किया जाता है ताकि उसके पौष्टिक तत्व सही तरीके से बॉडी में जा सकें.
लेकिन वीडियो में बताया गया है कि इन बड़े ब्रांड्स के प्रोडक्ट्स में घी तो होता है, लेकिन ये साफ तौर पर नहीं लिखा होता कि वो देसी गाय का घी है या नहीं यानी क्वालिटी पर सवाल खड़े हो जाते हैं.
प्रिजर्वेटिव्स: सेहत के लिए खतरा?
एक और बड़ी चिंता की बात है प्रिजर्वेटिव्स (Preservatives). अधिकतर च्यवनप्राश (Patanjali Chyawanprash) ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट को लंबे समय तक टिकाने के लिए सोडियम बेंजोएट (Sodium Benzoate) जैसे केमिकल प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल करते हैं.
हालांकि ये एफएसएसएआई द्वारा अनुमोदित होता है, फिर भी कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि लंबे समय तक इसका सेवन शरीर पर गलत असर डाल सकता है. वीडियो में कहा गया है कि आंवला और गुड़ जैसे प्राकृतिक प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल ज्यादा बेहतर होता है.
क्या करें कस्टमर?
1. सामग्री (Ingredients) ध्यान से पढ़ें: कोई भी च्यवनप्राश खरीदने से पहले उसकी सामग्री की लिस्ट ध्यान से पढ़ें.
2. Refined Sugar और Sodium Benzoate से बचें: जहां तक हो सके, ऐसे प्रोडक्ट चुनें जिनमें प्राकृतिक मिठास और प्राकृतिक प्रिजर्वेटिव्स हों.
3. लोकल और पारंपरिक ब्रांड्स को मौका दें: कई छोटे लेवल के आयुर्वेदिक ब्रांड्स होते हैं जो पारंपरिक विधि से च्यवनप्राश बनाते हैं.
4. घरेलू च्यवनप्राश भी एक ऑप्शन: अगर समय और संसाधन हों, तो घर पर ही शुद्ध सामग्री से च्यवनप्राश बनाया जा सकता है.
बड़े ब्रांड्स पर आंख बंद करके भरोसा करना अब समझदारी नहीं रह गई है. च्यवनप्राश जैसी चीज, जिसे हम अपनी सेहत सुधारने के लिए खाते हैं, अगर उसमें ही मिलावट हो, तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है.

