धर्मेंद्र सिंह की रिपोर्ट, Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का दूरस्थ और नक्सल प्रभावित गांव पूवर्ती कभी नक्सली कमांडर हिड़मा के नाम से कुख्यात था। यहां जाने की कोई सोचता भी नहीं था। लेकिन अब गांव में बदलाव की बयार बह रही है। सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़कर यह गांव विकास की मुख्यधारा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
कलेक्टर-एसपी का दौरा, ग्रामीणों से संवाद
सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव, पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण और डीएफओ अक्षय दिनकर भोसले ने पूवर्ती गांव का दौरा कर विकास कार्यों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से मुलाकात की। अपने बीच अधिकारियों को पाकर ग्रामीण उत्साहित दिखे और बिना झिझक अपनी समस्याएं व सुझाव रखे।
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बैली ब्रिज से सालभर जुड़ा गांव
अधिकारियों ने सबसे पहले सिलगेर से पूवर्ती को जोड़ने वाले बीआरओ द्वारा निर्मित बैली ब्रिज का निरीक्षण किया। इस पुल से अब वर्षा ऋतु में भी गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क नहीं टूटता।शिक्षा और सुरक्षा में सुधार विगत वर्ष पूवर्ती में सुरक्षा कैंप स्थापित हुआ, जिसके बाद गुरुकुल प्रारंभ किया गया है। यहां स्थानीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। सुरक्षा बलों की मौजूदगी से गांव में शांति और विश्वास का माहौल है।
शिक्षा और सुरक्षा में सुधार
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आज का पूवर्ती पहले से बिल्कुल अलग है। जहां पहले भय का माहौल था, वहां अब विकास की रोशनी फैल रही है।सरकार की प्राथमिकता – नक्सल क्षेत्रों का विकास कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता नक्सल प्रभावित इलाकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। इसी उद्देश्य से अंदरूनी गांवों में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। विगत वर्ष पूवर्ती में सुरक्षा कैंप स्थापित हुआ, जिसके बाद गुरुकुल प्रारंभ किया गया है। यहां स्थानीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। सुरक्षा बलों की मौजूदगी से गांव में शांति और विश्वास का माहौल है।

