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Chandrashekhar Azad: ‘अब तक सभी छापे विपक्षी नेताओं पर…’, PM, CM को पद से हटाने वाले विधेयक पर जमकर फायर हुए चंद्रशेखर आजाद, किसे सुना डाला!

Published by Ashish Rai

Chandrashekhar Azad: आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर ने गुरुवार को कहा कि गंभीर अपराधों के आरोप में 30 दिनों तक गिरफ़्तारी रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों या मंत्रियों को उनके पदों से हटाने का प्रावधान करने वाले तीन नए विधेयक पूरी तरह से ‘लोकतंत्र विरोधी’ हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में गंभीर आरोपों में 30 दिनों तक लगातार गिरफ़्तारी रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को उनके पदों से हटाने से संबंधित तीन विधेयक पेश किए, जिसका विपक्षी सांसदों ने कड़ा विरोध किया और उन्होंने मसौदा कानून की प्रतियां भी फाड़ दीं। वे नारे लगाते हुए शाह के आसन के पास पहुँच गए।

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ये चुनने वाली जनता का अपमान हैं

नगीना से एमपी चंद्रशेखर रावण ने कहा, ‘ये विधेयक पूरी तरह से लोकतंत्र विरोधी, संविधान पर हमला और अपने प्रतिनिधियों को चुनने वाली जनता का अपमान करने वाला है।’

उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से एजेंसियां ​​काम कर रही हैं, जिस तरह से वे विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं, ये विधेयक विपक्ष को निशाना बनाने के लिए लाए गए हैं।’ यह संविधान पर हमला है और हम संविधान पर किसी भी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं।’

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जब उनसे कहा गया कि भाजपा कह रही है कि उसके मंत्री भी इन विधेयकों के दायरे में आएंगे, तो चंद्रशेखर ने कहा, ‘क्या अब तक ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भाजपा के किसी मंत्री पर छापा मारा है? ईडी के सभी छापे विपक्षी नेताओं पर पड़े हैं।’

लोकतंत्र की जगह निरंकुशता ले रही है-आज़ाद

उन्होंने कहा, ‘ऐसे नेता हैं जिन्हें भ्रष्ट कहा जाता था, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें ‘उप-मुख्यमंत्री’ बना दिया गया। महाराष्ट्र, असम इसके उदाहरण हैं… बीएस येदियुरप्पा इसका उदाहरण हैं…’ चंद्रशेखर ने कहा, ‘लोग देख रहे हैं कि लोकतंत्र की जगह निरंकुशता ले रही है।’

गृह मंत्री द्वारा बुधवार को पेश किए गए और संसद की संयुक्त समिति को भेजे गए तीन विधेयक हैं: ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025’, ‘केंद्र शासित प्रदेशों का शासन (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’।

इन विधेयकों में प्रस्ताव है कि यदि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या सीएम को न्यूनतम पाँच वर्ष की कारावास की सजा वाले अपराधों के लिए लगातार 30 दिनों तक अरेस्ट और हिरासत में रखा जाता है, तो वे 31वें दिन अपना पद गँवा बैठेंगे।

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