Bihar News: पटना शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन एक बार फिर सुर्खियों में है। गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना में हजारों की संख्या में शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ये सभी अभ्यर्थी एसटीईटी परीक्षा 2024 के आयोजन की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान पटना पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद लाठीचार्ज की घटना सामने आई।
जेपी गोलंबर पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
प्रदर्शनकारी छात्र पटना विश्वविद्यालय से मार्च करते हुए जेपी गोलंबर पहुंचे, जहां उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोका गया। छात्रों का आरोप है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रहे थे, लेकिन बिना किसी चेतावनी के पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस घटना में कई छात्रों को गंभीर चोटें आईं। कुछ छात्रों के सिर से खून बहने की भी खबरें आई हैं।
क्या है शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग?
प्रदर्शन कर रहे छात्रों की प्रमुख मांग है कि टीआरई-4 परीक्षा से पहले एसटीईटी (STET) का आयोजन किया जाए। छात्रों का कहना है कि सरकार ने वादा किया था कि एसटीईटी परीक्षा हर साल दो बार आयोजित की जाएगी, लेकिन पिछले डेढ़ साल से कोई परीक्षा नहीं हुई है। इससे लगभग 3 लाख अभ्यर्थी प्रभावित हो रहे हैं।
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डाकबंगला चौराहे तक पहुंचे प्रदर्शनकारी
लाठीचार्ज के बावजूद, प्रदर्शनकारी पीछे नहीं हटे और डाकबंगला चौराहे की ओर बढ़ गए। बड़ी संख्या में पुरुष और महिला अभ्यर्थी सड़क पर डटे रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। पुलिस ने वाटर कैनन गाड़ी तैनात कर दी है और बैरिकेडिंग के जरिए प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की जा रही है।
क्यों बढ़ रहा है रोष?
बिहार में लंबे समय से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। एसटीईटी परीक्षा का समय पर आयोजन न होने से हजारों युवाओं का भविष्य अधर में लटका है। ऐसे में जब सरकार ने टीआरई-4 की घोषणा की, तो छात्रों ने पहले लंबित परीक्षाओं को आयोजित करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया।
पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों का आंदोलन अब एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। युवाओं की मांग है कि एसटीईटी परीक्षा जल्द से जल्द आयोजित की जाए, ताकि उन्हें नौकरी की प्रक्रिया में आगे बढ़ने का अवसर मिले। यदि सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह आंदोलन और भी व्यापक हो सकता है।

