Nikki Bhati Murder Case: ग्रेटर नोएडा में निक्की भाटी की मौत के मामले में हर दिन नए तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस जाँच में पता चला है कि 28 वर्षीय निक्की ने मौत से पहले डॉक्टरों को बताया था कि वह खाना बनाते वक्त जल गई थी। घर में सिलेंडर फट गया था। पुलिस का कहना है कि निक्की ने अपनी बहन कंचन को बचाने के लिए ऐसा बयान दिया होगा। निक्की के परिजनों ने शुरुआत में पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया था, हालाँकि स्थानीय पुलिस अधिकारियों के समझाने पर वे राजी हो गए।
‘वह सिलेंडर फटने से जल गई थी’
निक्की ने डॉक्टरों को जो बताया, वह फोर्टिस अस्पताल के मेडिको-लीगल सर्टिफिकेट (एमएलसी संख्या 703) में दर्ज है। इसमें लिखा है – घर में खाना पकाने के सिलेंडर के फटने से जलना। ऐसे बयान अदालत में तभी मान्य होते हैं जब वे मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए हों। पुलिस ऐसा नहीं कर सकी क्योंकि निक्की की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। हालाँकि, जाँच से पता चला कि घर में कोई सिलेंडर विस्फोट नहीं हुआ था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, कंचन ने बताया कि उसने चीखें सुनीं और निक्की को आग की लपटों में घिरा पाया। वह सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी, जबकि विपिन पास ही खड़ा था। कंचन ने एक हाथ में मोबाइल और दूसरे हाथ से पानी छिड़ककर आग बुझाने की कोशिश की।
निक्की अपनी बहन की सलामती चाहती थी: पुलिस टीम
जांचकर्ताओं का कहना है कि निक्की ने यह बयान शायद इसलिए दिया होगा ताकि उसके ससुराल वालों को जेल न जाना पड़े। उसकी बहन कंचन भी उसी परिवार में ब्याही गई है। हो सकता है कि वह अपनी बहन की सलामती के डर से अपने ससुराल वालों को आपराधिक रूप से फँसाना नहीं चाहती थी। यही वजह है कि उसने अपने आखिरी बयान में किसी भी ससुराल वाले पर आरोप नहीं लगाया। पुलिस जाँच में पता चला है कि निक्की के ससुराल में कोई सिलेंडर ब्लास्ट नहीं हुआ था। घर से खाली थिनर की बोतलें और लाइटर बरामद हुए हैं, जो अब मामले में अहम सबूत हैं।
परिवार ने शुरुआत में पोस्टमॉर्टम का विरोध किया था
कासना के एसएचओ धर्मेंद्र शुक्ला ने जानकारी दी कि निक्की ने जानबूझकर सच छिपाया होगा। निक्की को उसके पति विपिन भाटी के रिश्तेदार देवेंद्र 21 अगस्त की शाम 6 बजे गंभीर हालत में फोर्टिस अस्पताल लाए थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि निक्की की मौत जलने से हुई है। शुरुआत में निक्की के परिवार ने पोस्टमॉर्टम का विरोध किया, लेकिन बाद में मान गए। परिवार का कहना था कि वे निक्की के शरीर को और नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते थे।
कंचन ने निक्की पर पानी फेंककर आग बुझाने का प्रयास किया
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया कि कंचन ने बताया कि उसने चीखें सुनीं और निक्की को आग की लपटों में घिरा पाया। वह सीढ़ियों से नीचे आई, जबकि विपिन पास ही खड़ा था। कंचन ने एक हाथ में मोबाइल और दूसरे हाथ में पानी लेकर आग बुझाने की कोशिश की। उसने घटना का कुछ हिस्सा रिकॉर्ड भी किया। कुछ ही देर में वह बेहोश हो गई और निक्की को हॉस्पिटल ले जाया गया।

