Asaduddin Owaisi On RSS: पीएम मोदी ने आज शुक्रवार (15 अगस्त 2025) को लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कई बिंदुओं पर जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का भी ज़िक्र किया और उनकी तारीफ़ की।
लेकिन शायद विपक्ष को पीएम का यह संबोधन पसंद नहीं आया। विपक्ष ने अब इसकी आलोचना की है। इसमें एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी शामिल है। ओवैसी ने अब आरएसएस का जिक्र करने पर पीएम पर निशाना साधा है।
RSS की तारीफ, स्वतंत्रता संग्राम का अपमान – ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अपना विरोध जताते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस के भाषण में आरएसएस की तारीफ़ करना आज़ादी की लड़ाई का अपमान है। आरएसएस और उसके वैचारिक सहयोगी अंग्रेजों के पिट्ठू बनकर काम करते थे। उन्होंने कभी आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया। वे गांधी से उतनी ही नफ़रत करते थे जितनी उन्होंने कभी अंग्रेजों का विरोध नहीं किया।
चीन से भी बड़ा खतरा RSS – ओवैसी
ओवैसी ने आरएसएस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि हमारा सबसे बड़ा ख़तरा बाहरी नहीं, बल्कि उससे भी बड़ा ख़तरा भीतर से है – संघ परिवार द्वारा फैलाई जा रही नफ़रत और विभाजनकारी भावना। अपनी आज़ादी को सही मायने में सुरक्षित करने के लिए, हमें ऐसी सभी ताकतों को हराना होगा। उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस समावेशी राष्ट्रवाद के उन मूल्यों को नकारता है जिनसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरणा मिली।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी नागपुर जाकर एक स्वयंसेवक के तौर पर आरएसएस की तारीफ़ कर सकते थे, लेकिन प्रधानमंत्री रहते हुए उन्हें लाल किले से ऐसा क्यों करना पड़ा?
पीएम ने की RSS की तारीफ
लाल किले से अपने संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आरएसएस का इतिहास गौरवशाली है। उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) भी बताया और राष्ट्र सेवा के लिए इसके सभी स्वयंसेवकों की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। संघ ने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ 100 वर्षों तक काम किया।”

