Sleep Cycle Health Benifits: आज के दौर में नींद लेना बेहद जरूरी है. अच्छी सेहत की बात करें तो अच्छी सेहत के लिए एक्सरसाइज से ज्यादा सोना जरूरी है. हाल ही में एक रिसर्च में पता चला कि नींद हमारे लिए बेहद जरूरी है. इसकी वजह यह है कि हमारा शरीर खाने और एक्सरसाइज से मिली ऊर्जा का सही इस्तेमाल तभी कर पाता है, जब उसे पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाली नींद मिले. नींद के दौरान ही शरीर खुद को रिपेयर करता है, दिमाग़ को आराम मिलता है और हार्मोन संतुलित रहते हैं. अगर नींद पूरी नहीं होती, तो अच्छी डाइट और रोज़ एक्सरसाइज़ करने के बाद भी शरीर अंदर से कमजोर रहता है.
कितने घंटे सोना बेहतर?
रिसर्च के मुताबिक हर वयस्क व्यक्ति के लिए औसतन 7 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है. अगर आप इससे कम नींद लेते हैं तो हार्ट डिज़ीज़, डायबिटीज़, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा लगातार बढ़ता रहता है. वहीं बहुत ज़्यादा सोना भी सेहत के लिए हानिकारक है. 7 घंटे की नींद शरीर को इतना समय देती है कि वो दिनभर हुए नुकसान की भरपाई कर सके. इस दौरान कोशिकाएं खुद को रिपेयर करती हैं, मांसपेशियां मजबूत होती हैं और इम्यून सिस्टम एक्टिव रहता है. यही कारण है कि जो लोग रोज़ 7 घंटे की नियमित नींद लेते हैं, उनमें उम्र से जुड़ी बीमारियां देर से दिखाई देती हैं.
REM नियम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नींद सिर्फ़ घंटों की नहीं होती, बल्कि उसकी क्वालिटी भी उतनी ही अहम होती है. क्या आप ये बात जानते हैं कि नींद के अलग-अलग चरण होते हैं, जिनमें सबसे ज़रूरी है REM नींद (Rapid Eye Movement). यह वो समय होता है जब हम सपने देखते हैं और हमारा दिमाग़ दिनभर की जानकारी को व्यवस्थित करता है. रिसर्च के मुताबिक, कुल नींद का लगभग 20–25% हिस्सा REM नींद होना चाहिए. REM नींद याददाश्त को तेज़ करती है, सीखने की क्षमता बढ़ाती है और तनाव कम करने में मदद करती है. अगर REM नींद कम हो जाए, तो व्यक्ति चिड़चिड़ा महसूस करता है, ध्यान लगाने में परेशानी होती है और मानसिक थकान बनी रहती है.
लंबी उम्र के लिए नींद लेना जरूरी
REM के अलावा गहरी नींद (Deep Sleep) भी लंबी उम्र के लिए बहुत ज़रूरी मानी जाती है. इसे स्लो-वेव स्लीप भी कहा जाता है. यह नींद का वह चरण है जिसमें शरीर सबसे ज़्यादा आराम करता है. इसी दौरान हड्डियां, मांसपेशियां और ऊतक खुद को ठीक करते हैं. हार्मोन ग्रोथ हार्मोन का स्राव इसी समय होता है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है. रिसर्च बताती है कि कुल नींद का 15–20% हिस्सा गहरी नींद होना चाहिए. जिन लोगों की गहरी नींद कम होती है, उनमें जल्दी थकान, कमजोर इम्यूनिटी और जल्दी बूढ़ा दिखने जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं.
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ऑक्सीजन सैचुरेशन
एक और अहम पहलू है नींद के दौरान ऑक्सीजन लेवल. रिसर्च में 94% ऑक्सीजन सैचुरेशन को एक स्वस्थ बेंचमार्क माना गया है. इसका मतलब है कि सोते समय हमारे शरीर और दिमाग़ को पूरी तरह ऑक्सीजन मिल रही है. अगर नींद के दौरान ऑक्सीजन लेवल कम होता है, तो यह स्लीप एपनिया जैसी समस्याओं का संकेत हो सकता है. कम ऑक्सीजन से दिल और दिमाग़ पर दबाव पड़ता है, जिससे स्ट्रोक, हार्ट अटैक और याददाश्त कमजोर होने का खतरा बढ़ता है. अच्छी नींद लेने से सांस लेने की प्रक्रिया बेहतर रहती है और शरीर को पूरी ऑक्सीजन मिलती है.
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