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सेक्स बन सकता है जानलेवा! जानिए कैसे शारीरिक संबंध बनता हैं सर्वाइकल कैंसर का कारण और कैसे बचें

Cervical Cancer: कैंसर को एक जानलेवा बीमारी माना जाता है. दो सौ से ज्यादा प्रकार के कैंसर होते हैं. आइए समझतें हैं सेक्स कैसे कैंसर का कारण बन सकता है.

Cervical Cancer Problem: भारतीय महिलाओं में इस कैंसर के मामले काफी ज्यादा हैं. महिला के गर्भाशय के निचले हिस्से को गर्भाशय ग्रीवा कहा जाता है. गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर महिला के गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं को प्रभावित करता है. इसे सर्वाइकल कैंसर भी कहा जाता है. सर्वाइकल कैंसर के तीन मुख्य प्रकार हैं. इनमें स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, एडेनोकार्सिनोमा और मिश्रित कार्सिनोमा शामिल हैं.

दुनिया भर में 600,000 से ज्यादा महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी के अनुसार, भारत में हर साल सर्वाइकल कैंसर के 12.3 मिलियन मामले सामने आते हैं. इस कैंसर से हर साल 67,000 महिलाओं की मौत हो जाती है. यह भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर के मामलों में भारत दुनिया में पाँचवें स्थान पर है. 2020 में, दुनिया भर में 600,000 से ज़्यादा महिलाओं में इस कैंसर का पता चला और इनमें से 34.2 मिलियन महिलाओं की इससे मृत्यु हो गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इनमें से 90 प्रतिशत मरीज निम्न या मध्यम आय वाले देशों से थे.

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

इस कैंसर को विकसित होने में आमतौर पर 10 से 15 साल लगते हैं. इसलिए, 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को इस बीमारी के लक्षणों पर ध्यान देने की ज़रूरत है. सर्वाइकल कैंसर के निदान के लिए पैप स्मीयर टेस्ट या एचपीवी टेस्ट की आवश्यकता होती है. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, 25 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं को इस कैंसर की जाँच करवानी चाहिए. हर पांच या तीन साल में जाँच जरूरी है. मासिक धर्म के बिना रक्तस्राव, गुप्तांगों से सफेद स्राव, अचानक वजन कम होना और गुप्तांगों से दुर्गंध आना इस कैंसर के कुछ लक्षण हैं.

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सर्वाइकल कैंसर के कारण

सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता, गंभीर बीमारी, एक से ज्यादा साथियों के साथ यौन संबंध, पांच साल से ज़्यादा समय तक लगातार गर्भनिरोधक गोलियां लेना और धूम्रपान शामिल हैं. ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के विभिन्न प्रकार सर्वाइकल कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं. इस कैंसर का मुख्य कारण यौन संबंध है. सर्वाइकल कैंसर एक यौन संचारित रोग है. यह वायरस शारीरिक संपर्क के माध्यम से पुरुषों से महिलाओं में फैलता है. यह कैंसर उन महिलाओं में पाया जाता है जो एक से ज़्यादा पुरुषों के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाती हैं. 35 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में इसका खतरा ज्यादा होता है. 15 प्रतिशत से ज़्यादा नए मामले 65 वर्ष से ज़्यादा उम्र की महिलाओं में होते हैं, खासकर वे जो नियमित जाँच नहीं करातीं.

सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें

सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचने के लिए महिलाओं को अपने गुप्तांगों की अच्छी स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए. लक्षण दिखाई देते ही तुरंत जांच करवानी चाहिए. एक निश्चित उम्र के बाद महिलाओं के मासिक धर्म बंद हो जाते हैं. इसे रजोनिवृत्ति कहते हैं. रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव सामान्य नहीं है. कुछ महिलाओं को संभोग के बाद रक्तस्राव का अनुभव होता है, लेकिन अगर रक्तस्राव गंभीर हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना ज़रूरी है.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है

Shivashakti Narayan Singh

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