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पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज क्या है? इस जानलेवा बीमारी से जूझ रहे प्रेमानंद महाराज, ये है लक्षण!

Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद महाराज की इन दिनों तबीयत खराब चल रही है. उन्हें एक ऐसी बीमारी है जिसमें किडनी में सिस्ट बनते हैं. इस बीमारी का स्थायी इलाज नहीं है, केवल लक्षण कंट्रोल किए जाते हैं. आइए जानते हैं उस बीमारी के बारे में-

Published by sanskritij jaipuria

Premanand Ji Maharaj PKD Disease : वृंदावन के फेमस धर्मगुरु श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज, जिन्हें दुनिया भर में प्रेमानंद महाराज के नाम से जाना जाता है, हाल ही में अपनी खराब स्वास्थ्य स्थिति के कारण अपनी पदयात्रा को अनिश्चित काल के लिए रोकने के लिए मजबूर हुए हैं. इस लेख में हम उनके स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या और उससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य सरल भाषा में समझेंगे.

प्रेमानंद महाराज की बीमारी का परिचय

प्रेमानंद महाराज ने समय-समय पर खुलासा किया है कि वे किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. उनकी बीमारी का नाम है “पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज” (Polycystic Kidney Disease). ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें उनकी दोनों किडनियों में सिस्ट (cysts) बन जाते हैं, जिससे किडनी सही ढंग से काम नहीं कर पाती.

What is PKD : पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज क्या है?

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज एक जेनेटिक (वंशानुगत) बीमारी है. इसका मतलब है कि ये बीमारी जीन (genes) में होने वाले बदलाव या म्यूटेशन (mutation) के कारण होती है. इस बीमारी में किडनी में कई सिस्ट विकसित हो जाते हैं जो धीरे-धीरे किडनी की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं.

ये बीमारी आमतौर पर दो मेन जीन – PKD1 और PKD2 में खराबी के कारण होती है. ये जीन हमारे शरीर की किडनी के स्वास्थ्य और कामकाज को कंट्रोल करते हैं. जब इनमें समस्या होती है, तो सिस्ट बनना शुरू हो जाते हैं.

बीमारी के कारण और लक्षण

ये रोग या तो माता-पिता से मिलता है या कभी-कभी ये खुद से भी विकसित हो सकता है. पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के कारण किडनी धीरे-धीरे खराब हो जाती है, जिससे कई बार डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ जाती है.

इस बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

 पीठ या कमर में दर्द
 बार-बार यूरिन संबंधी समस्या
 उच्च रक्तचाप (ब्लड प्रेशर)
 थकावट और कमजोरी

इलाज और सावधानियां

मेडिकल विज्ञान में अभी तक पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज का कोई स्थायी इलाज उपलब्ध नहीं है. इस बीमारी के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है ताकि मरीज का जीवन सामान्य रह सके. अगर स्थिति गंभीर हो जाए, तो डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी जाती है.

प्रेमानंद महाराज भी इस बीमारी से जूझते हुए अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रख रहे हैं. उनकी पदयात्रा फिलहाल उनकी सेहत को प्राथमिकता देने के लिए रुकी हुई है.

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