Traditional Exercise: योग को हमेशा से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद कहा गया है, लेकिन एक नई रिसर्च के मुताबिक, यह पारंपरिक व्यायाम उतना असरदार नहीं है. ‘एडवांस इन इंटीग्रेटिव मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित इस रिसर्च में पाया गया कि योग खून की नसों और हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाने में कमज़ोर साबित हुआ. यह रिसर्च बैठे हुए (सेडेंटरी) वयस्कों के आधार पर की गई है.
क्या है इस रिसर्च का उद्देश्य ?
यह रिसर्च मौजूदा अध्ययन की समीक्षा पर आधारित है, जिसमें रैंडमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल्स (RCTs) क्रॉसओवर ट्रायल्स और गैर-रैंडमाइज्ड अध्ययन शामिल हैं. रिसरचर्स ने योग और दूसरी एक्सरसाइज (जैसे ताई ची, पिलेट्स, हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग) के प्रभावों की तुलना की.
फोकस वैस्कुलर फंक्शन पर केंद्रित था, जिसे अल्ट्रासाउंड द्वारा मापा गया था. वैस्कुलर फंक्शन का अर्थ है खून की नसों में लोच (इलास्टिसिटी) और प्रतिक्रिया (फ़ीडबैक), जो ऊतकों (टिश्यू) तक रक्त पहुँचाने में मदद करती है.
सेडेंटरी व्यवहार लंबे समय तक बैठे रहने या किसी एक्टिविटी में शामिल न रहने को कहते हैं. इससे वैस्कुलर फंक्शन कमज़ोर हो जाता है, जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल जमा होना और थ्रोम्बोसिस (रक्त के थक्के) का खतरा बढ़ जाता है. शारजाह विश्वविद्यालय की डॉ. लीना डेविड ने रिसर्च में कहा कि रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) को लचीली गार्डन होज की तरह समझें. अगर वे सख्त हो जाएं, तो दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
हमारी रिसर्च से पता चलता है कि व्यवस्थित व्यायाम इन नली को लचीला बनाए रखता है, जबकि योग कुछ लाभ प्रदान करता है, लेकिन विश्वसनीय नहीं. योग मध्यम आयु और बुज़ुर्गों में सुधार दिखाता है, लेकिन युवाओं में नहीं.
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क्यों योग इतना प्रभावी नहीं है ?
रिसर्च में पाया गया कि पारंपरिक व्यायाम (ताई ची, पिलेट्स, HIIT) ने सेडेंटरी लोगों में वैस्कुलर फंक्शन में लगातार सुधार किया, जबकि योग ऐसा करने में सफल नहीं रहा. फ्लो-मीडिएटेड डायलेशन (FMD) और पल्स वेव वेलोसिटी (PWV) जैसे माप योग में कम असरदार साबित हुए.
रिसर्च छोटे सैंपल साइज और छोटी अवधि के थे, लेकिन कुल मिलाकर व्यायाम ने बेहतर परिणाम दिए. डॉ. डेविड ने कहा कि हालांकि गति महत्वपूर्ण है, व्यायाम का प्रकार, तीव्रता और निरंतरता वैस्कुलर हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण हैं. साधारण दिनचर्या भी धमनियों (आर्टरीज़) को मज़बूत बनाती है.
ब्लड वेसल में स्मृति होती है – हर कसरत आपको बैठने के नुकसान को भूला देती है. लंबे समय तक बैठे रहना धूम्रपान करने जैसा है. यह चुपचाप और धूर्तता से आपकी खून की नसों की गतिविधि को चुरा लेता है. गतिविधि ही इसका अचूक इलाज है.
ये निष्कर्ष दुनिया भर में 30 करोड़ योग करने वालों और हृदय रोग से प्रभावित 62 करोड़ लोगों के लिए अहम है. योग सुलभ और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन हृदय के लाभों के लिए हाई इंटेंसिटी वर्कआउट ज़्यादा मायने रखता है.
क्यों ज़रूरी होती है वैस्कुलर हेल्थ ?
वैस्कुलर फंक्शन, खून की नसों के ऊतकों (टिश्यू) तक रक्त पहुँचाने की क्षमता रखता है. उनके लचीले हृदय स्वास्थ्य का एक प्रमुख संकेतक है. कहीं भी लंबे समय तक बैठे रहने से वैस्कुलर फंक्शन बाधित होता है, जिससे हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रॉल और थ्रोम्बोसिस का खतरा बढ़ जाता है.
रिसर्च कहती है कि व्यायाम इन जोखिमों को कम करता है, जबकि योग अनियमित रूप से कार्य में सुधार करता है. युवाओं में योग का कम प्रभाव दिखा, लेकिन बुजुर्गों में इसके कुछ लाभ हैं.
रिसर्चर्स का कहना है कि व्यायाम न केवल वजन घटाने के लिए, बल्कि वैस्कुलर हेल्थ के लिए भी ज़रूरी है. डॉ. डेविड ने कहा कि योग की गहरी सांस्कृतिक जड़ें हैं. यह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए है, लेकिन इसके साथ ही ज़ोरदार व्यायाम को भी शामिल किया जाना चाहिए.
जन स्वास्थ्य अभियान व्यायाम और योग के संयोजन का सुझाव देते हैं, ताकि हृदय स्वास्थ्य सुलभ हो सके. यह आपके शरीर के आंतरिक जीपीएस सिस्टम की सुरक्षा के बारे में है, जो आपको जीवित रखता है। यह रिसर्च व्यायाम को प्राथमिकता देता है, लेकिन योग को पूरी तरह से खारिज नहीं करता.
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