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सावधान! पैरों के ये छोटे लक्षण बन सकते हैं बड़ी बीमारी का संकेत

अगर आपके पैरों में सूजन, रंग बदलना, झनझनाहट या दर्द जैसे बदलाव दिख रहे हैं, तो इन्हें नज़रअंदाज़ न करें. ये शरीर में गंभीर बीमारियों के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। समय रहते डॉक्टर से जांच कराना सेहत के लिए बेहद जरूरी है.

Published by Anuradha Kashyap

हमारे पैर दिनभर हमारे शरीर का पूरा भार उठाते हैं, लेकिन हम अक्सर उनकी देखभाल को नजरअंदाज कर देते हैं. पैरों में होने वाले छोटे-छोटे बदलाव कई बार बड़ी बीमारियों के संकेत हो सकते है, अगर पैरों में अचानक सूजन, रंग बदलना, झुनझुनी या दर्द जैसी समस्याएं दिखें, तो इसे हल्के में न लें. ये संकेत शरीर के अंदर चल रही गंभीर परेशानी की ओर इशारा कर सकते है, आइए जानते हैं ऐसे पांच बदलाव जो दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है.

पैरों में सूजन – दिल या किडनी की परेशानी का इशारा

अगर आपके पैरों या टखनों में अचानक सूजन आने लगी है, तो यह सामान्य थकान का परिणाम नहीं, बल्कि किसी गंभीर समस्या की ओर संकेत हो सकता है. लगातार सूजन रहना दिल, किडनी या लिवर से जुड़ी दिक्कतों का लक्षण हो सकता है, कई बार शरीर में पानी रुक जाने (fluid retention) के कारण भी सूजन आती है. अगर सुबह उठने पर भी सूजन बनी रहती है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और डॉक्टर से संपर्क करें.

पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन – शुगर लेवल का संकेत

पैरों में बार-बार झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होना नार्मल नहीं है, यह शरीर में ब्लड शुगर के इनबैलेंस का संकेत हो सकता है. डायबिटीज़ के मरीजों में नसों पर असर पड़ने से यह समस्या आम होती है, जिसे मेडिकल भाषा में ‘न्यूरोपैथी’ कहा जाता है, अगर आपको बिना किसी चोट के पैरों में जलन, सुन्नपन या सुई चुभने जैसा एहसास होता है, तो तुरंत ब्लड शुगर की जांच करवाएं.

पैरों का रंग बदलना – ब्लड सर्कुलेशन की समस्या

अगर पैरों की त्वचा का रंग नीला, बैंगनी या बहुत फीका दिखने लगे, तो यह रक्त प्रवाह में कमी का संकेत हो सकता है. खराब ब्लड सर्कुलेशन से ऑक्सीजन और पोषक तत्व पैरों तक सही मात्रा में नहीं पहुंच पाते, जिससे रंग बदलना शुरू हो जाता है. यह समस्या धूम्रपान करने वालों, मोटापे से ग्रस्त लोगों या हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों में ज्यादा देखी जाती है, समय रहते डॉक्टर को दिखाना जरूरी है, ताकि ब्लड फ्लो को सामान्य किया जा सके.   

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पैरों में घाव का जल्दी न भरना – शुगर या इन्फेक्शन का खतरा

अगर पैरों में छोटा सा घाव या कट लगने के बाद भी वह लंबे समय तक नहीं भर रहा, तो यह डायबिटीज़ या संक्रमण का संकेत हो सकता है, हाई शुगर लेवल से घाव भरने का प्रोसेस धीमी हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इस स्थिति में पैरों की सफाई और जांच का खास ध्यान रखना चाहिए, ऐसे घावों को अनदेखा करने से आगे चलकर गंभीर संक्रमण या गैंगरीन जैसी समस्या हो सकती है.

नाखूनों में बदलाव – पोषण की कमी या फंगल इन्फेक्शन

अगर आपके पैर के नाखूनों का रंग पीला या भूरा दिखने लगे, या वे मोटे और भुरभुरे हो जाएं, तो यह फंगल इन्फेक्शन या पोषण की कमी का परिणाम हो सकता है. कभी-कभी यह लिवर या फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं का भी शुरुआती संकेत हो सकता है. नाखूनों की साफ-सफाई पर ध्यान देना और सही जूते पहनना इस समस्या से बचाव के लिए जरूरी है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है

Anuradha Kashyap
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