चंडीगढ़ से साहिल की रिपोर्ट
Haryana: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान के नेतृत्व में आज तमाम कांग्रेस विधायकों ने “वोट चोरी” के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। विधायक “वोट चोर, गद्दी छोड़” के नारे लगाते हुए मार्च की शक्ल में विधानसभा पहुंचे। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने कहा कि राहुल गांधी के खुलासे से साफ हो गया है कि हरियाणा में बीजेपी जीती नहीं, बल्कि उसने कांग्रेस की सरकार चुराई है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग की मंशा और कार्यशैली पर संदेह जताया था
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी साख गंवा चुका है और हरियाणा में उसने पूरी तरह बीजेपी के इशारे पर काम किया। यही वजह है कि प्रदेश में जो वोटिंग 1 अक्टूबर को होनी थी, वो 5 अक्टूबर को हुई। उस समय भी कांग्रेस ने चुनाव आयोग की मंशा और कार्यशैली पर संदेह जताया था और तारीख स्थगित करने का विरोध जताया था।
इसके बाद तमाम एग्ज़िट पोल्स कांग्रेस की जीत दिखा रहे थे, बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने 7 अक्टूबर बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि बीजेपी की जीत के लिए सभी व्यवस्थाएं की जा चुकी हैं।
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इससे पहले, वोटिंग के 50 घंटे बाद भी दो तीन बार अलग अलग समय पर डेटा बदली हुई और परिणाम से मात्र 12 घंटे पहले, वोटों में अचानक से 2.5% की वृद्धि दिखाई गई। इसके बारे में जिलेवार और विधानसभा वार डाटा करण सिंह दलाल की अध्यक्षता वाली जांच समिति की रिपोर्ट में रखा गया है।
कई EVM में 99% बैटरी चार्ज मिली
काउंटिंग के दौरान यह भी देखा गया कि कई EVM में 99% बैटरी चार्ज मिली थी। इनकी शिकायत को चुनाव आयोग को की गई, लेकिन उसने नजरअंदाज कर दी और आज तक भी कोई सही उत्तर नहीं दिया गया। रानियां में कोर्ट के आदेश के बाद बावजूद, दोबारा गिनती करने की बजाए, आयोग ने ईवीएम का डाटा ही डिलीट कर डाला।
राहुल गांधी से हलफनामा मांगने वाले चुनाव आयोग को पहले खुद हलफनामा देना चाहिए
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि राहुल गांधी से हलफनामा मांगने वाले चुनाव आयोग को पहले खुद हलफनामा देना चाहिए। चुनाव आयोग लिखकर दे कि कहीं भी फर्जी वोटर या एक-एक आदमी के दो-दो वोट नहीं है। अगर आयोग लिखकर देता है तो हम उसको अनगिनत सबूत देने के लिए तैयार हैं। अपनी कारगुजरियों पर पर्दा ढकने के लिए आयोग राहुल गांधी से हलफनामा मांग रहा है। जबकि जनता यह समझ चुकी है कि आयोग पूरी तरह बीजेपी की टीम की तरह काम कर रहा है। यह देश के लोकतंत्र के लिए घातक स्थित है। क्योंकि लोकतंत्र तभी मजबूत रहेगा, जब तमाम संवैधानिक संस्थाएं स्वतंत्र तौर पर कार्य करेंगी।

