World Longest Train : रत में दीब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक की ट्रेन यात्रा के बारे में अधिकांश लोग जानते हैं. विवेक एक्सप्रेस 4,273 किलोमीटर का ये सफर करीब 80 घंटे और 15 मिनट में पूरा करती है, जो देश के 9 राज्यों से होकर गुजरती है और लगभग 55 स्टेशनों पर रुकती है. लेकिन अगर बात दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन यात्रा की हो, तो ये एक्सपीरिएंस किसी रोमांचक सपने से कम नहीं.
पहले लंदन से सिंगापुर तक की रेल यात्रा को सबसे लंबा माना जाता था, लेकिन अब ये रिकॉर्ड टूट चुका है. अब पुर्तगाल से सिंगापुर तक की ट्रेन यात्रा को दुनिया की सबसे लंबी रेल यात्रा माना जा रहा है. ये यात्रा लगभग 18,755 किलोमीटर लंबी है और इसे पूरा करने में करीब 21 दिन लगते हैं. हालांकि मौसम और अन्य परिस्थितियों के कारण ये सफर तीन हफ्ते से ज्यादा भी खिंच सकता है.
ये सफर कहां से कहां तक?
ये शानदार यात्रा पुर्तगाल के लागोस शहर से शुरू होकर सिंगापुर में समाप्त होती है. इस दौरान ट्रेन 13 देशों से होकर गुजरती है और 11 मुख्य स्टेशनों पर रुकती है. ये यात्रा न सिर्फ दूरी के लिहाज से खास है, बल्कि ये अलग-अलग देशों की संस्कृति, प्राकृतिक दृश्य और स्थानीय जीवनशैली का एक्सपीरिएंस भी कराती है.
किन देशों से होकर गुजरती है ये ट्रेन?
ये यात्रा स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड, बेलारूस, रूस, मंगोलिया, चीन, वियतनाम, लाओस, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर जैसे 13 देशों को जोड़ती है. रास्ते में ये ट्रेन पेरिस, मॉस्को, बीजिंग, बैंकॉक जैसे फेमस शहरों से होकर गुजरती है.
खास बात ये है कि प्रमुख स्टेशनों पर ट्रेन रात भर रुकती है जिससे यात्री शहरों को घूमा जा सके, नई संस्कृतियों को करीब से देखा जा सके और वहां की खूबसूरती को महसूस किया जा सके.
कितना खर्च आता है इस अद्भुत यात्रा पर?
इस ऐतिहासिक ट्रेन यात्रा का टिकट लगभग $1,350 (यानि करीब ₹1,14,000) का है. पहली नजर में ये रकम ज्यादा लग सकती है, लेकिन जब आप सोचते हैं कि ये टिकट 13 देशों की यात्रा, रहन-सहन और खानपान को कवर करता है, तो यह किफायती सौदा लगता है.
क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
इस ट्रेन यात्रा की सबसे खास बात ये है कि ये ऑल-इनक्लूसिव है. यानी टिकट लेने के बाद आपको खाने-पीने, रहने, या किसी और चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं होती. सब कुछ पहले से ही टिकट में शामिल होता है. आप बस अपनी सीट बुक करें और आराम से दुनिया की सबसे लंबी रेल यात्रा का आनंद लें.
ये यात्रा कैसे संभव हुई?
इस यात्रा को संभव बनाने में कई देशों की रेलवे कंपनियों और संगठनों का योगदान है. खासकर चीन और लाओस के बीच बने नए रेलवे लिंक ने यूरोप और एशिया को जोड़ने का काम किया है. ये कनेक्शन न केवल लाओस की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है, बल्कि यात्रियों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक रेल से यात्रा करने का अनोखा मौका देता है.
इस यात्रा पर जाने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
अगर आप इस ऐतिहासिक यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो कुछ तैयारियां जरूरी हैं:
सभी जरूरी वीजा और दस्तावेजों को पहले से तैयार रखें
सीट उपलब्धता की पुष्टि करें
पूरी यात्रा के दौरान ट्रेन कनेक्शन और टाइमिंग की जानकारी रखें
सही प्लानिंग से आपकी यह जिंदगी की सबसे यादगार यात्रा बन सकती है.

